मुंबई। स्थानीय शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार सातवें कारोबारी सत्र में तेजी जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 358 अंक की बढ़त के साथ नये रिकॉर्ड स्तर पर शेयर बाजार बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी अपने अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। कारोबारियों के अनुसार, सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी और एलएंडटी में लिवाली के साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी प्रवाह से बाजार में तेजी रही। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में नरमी से भी धारणा मजबूत हुई।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 357.59 अंक यानी 0.52 प्रतिशत की बढ़त के साथ नये रिकॉर्ड स्तर 69,653.73 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 69,744.62 अंक तक चला गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 82.60 अंक यानी 0.40 प्रतिशत मजबूत होकर अपने अबतक के उच्चतम स्तर 20,937.70 अंक पर बंद हुआ।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद बाजार में उम्मीद बढ़ी है। यह मौजूदा नीतियां जारी रहने की पुष्टि करता है और निवेशकों की अपेक्षाओं को पूरा करता है। मुद्रास्फीति में नरमी और अमेरिकी तथा भारतीय बाजारों में बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट के साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों के बाजार में लौटने से भी मजबूती मिल रही है… कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बाद वैश्विक स्तर पर दबाव कम होने से भी भारतीय बाजार में आकर्षण बढ़ा।
सेंसेक्स के 30 शेयर बाजार में से 20 लाभ में जबकि निफ्टी के 50 शेयरों में 30 शेयर लाभ में रहे। सेंसेक्स की कंपनियों में विप्रो में सबसे ज्यादा 3.85 प्रतिशत की तेजी रही। इसके अलावा आईटीसी, एलएंडटी, टीसीएस, टाटा मोटर्स, नेस्ले इंडिया, इन्फोसिस और बजाज फाइनेंस प्रमुख रूप से लाभ में रहीं। दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में एनटीपीसी, एक्सिस बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं। अधिक शेयरों का प्रतिनिधित्व करने वाला बीएसई लार्जकैप सूचकांक 0.61 प्रतिशत चढ़ा। वहीं मिडकैप 0.19 प्रतिशत के लाभ में रहा जबकि स्मॉलकैप 0.18 प्रतिशत मजबूत हुआ।
नायर ने कहा, अमेरिका में मंदी को लेकर जोखिम कम होने से आईटी क्षेत्र को गति मिली। वहीं गर्मी में मांग अधिक होने से बिजली क्षेत्र में तेजी रही। हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि मूल्यांकन को लेकर चिंता के बीच अल्पकाल में मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है। नायर ने कहा कि इसके अलावा अल नीनो का जोखिम, जलाशय का स्तर के घटने तथा बुवाई में कमी को देखते हुए आरबीआई संभवत: वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही के लिये वृद्धि अनुमान को नहीं बढ़ाएगा। साथ ही आने वाले समय के लिये मुद्रास्फीति के अनुमान को भी कम करने की संभावना कम है।