लखनऊ। यूपी में सक्षम और दक्ष युवाओं को तैयार करने के लिए कौशल विकास विभाग की ओर से कई अभियान चलाये जा रहे हैं। कौशल विकास अभियान के अंतर्गत चार वर्षों में प्रदेश की 336 तहसीलों में 79 कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्र व 74 जिलों में प्रधानमंत्री कौशल विकास केन्द्र प्रारम्भ हुए, जहां लगभग 13 लाख युवाओं का पंजीकरण हुआ है। इन चार वर्षों में 9.48 लाख से अधिक युवा प्रशिक्षित हुए हैं। वहीं, इस साल मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत प्रदेश के शासकीय, अशासकीय, सहकारी, निगम एवं निजी उद्योग में इस साल 86 हजार युवाओं को शिक्षुता प्रशिक्षण दिये जाने की तैयारी है।
आत्मनिर्रभ उत्तर प्रदेश के निर्माण में व्यावसायिक शिक्षा अहम रोल अदा कर रही है। योगी सरकार ने जहां 4 लाख सरकारी नौकरियां देकर रिकार्ड बनाया है, वहीं करीब 3.50 लाख से अधिक युवाओं का कौशल विकास कर उनको रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये हैं। इसके अलावा राज्य में 13 इन्क्यूबेटर्स स्टैंडअप कार्यरत हैं। ये इन्क्यूबेटर्स युवाओं को आइडिया जनरेशन से लेकर प्रोडक्ट तैयार करने तक में मदद कर रहे हैं।
बड़े पैमाने पर युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए यूपी सरकार ने विगत चार वर्षों में राजकीय आईटीआई की संख्या 260 से बढ़ाकर 305 की है। 35 विधानसभा क्षेत्रों में नये राजकीय आईटीआई की स्थापना की गयी है। आज राजकीय आईटीआई में 1 लाख 73 हजार 176 सीटें उपलब्ध हैं। इसके साथ ही सभी राजकीय प्रशिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समेत अन्य गरीब परिवारों के अभ्यर्थियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। विश्वविद्यालयों में भी कौशल विकास योजना अभियान के तहत व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम में पांच नये ट्रेड शामिल किये गये हैं।
मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत अकेले सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की ओर से संचालित हो रही विभिन्न योजनाओं में 50 हजार युवाओं को शिक्षुता दक्षता के तहत प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके तहत औद्योगिक विकास विभाग की ओर से 35 हजार युवाओं को प्रदेश में संचालित विभिन्न भारी उद्योगों में दक्षता प्रशिक्षण मिलेगा।
औद्योगिक विकास व एमएसएमई के साथ प्रदेश के 18 और विभागों में 37 हजार युवाओं को दक्षता प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 5 हजार, नगर विकास विभाग में 1 हजार, सिंचाई विभाग में 5 हजार, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में 400, पर्यटन विभाग में 100, माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग में 2 हजार, चिकित्सा शिक्षा विभाग में 1 हजार, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विभाग में 600, प्राविधिक शिक्षा में 1 हजार, लोक निर्माण में 4 हजार, ऊर्जा विभाग में 8 हजार, परिवहन विभाग में 800, कृषि गन्ना, उद्यान व खाद्य प्रसंस्करण एवं सहकारिता विभाग में 8 हजार, पशु पालन एवं दुग्ध विकास विभाग में 8 हजार, आवास एवं नियोजन में 5 हजार, यूपी आवास विकास परिषद में 160, यूपी प्रोजेक्टस कारपोरेशन में 80 और पंचायती राज विभाग में 4200 युवाओं को प्रशिक्षण देकर उनकी दक्षता को बढ़ाया जायेगा।