पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरे राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने गुरुवार को कहा कि जनता ने बदलाव के लिए जनादेश दिया, हम हारे नहीं, जीते हैं और राजग ने धन, बल, छल से जीत हासिल की। महागठबंधन के 109 विधायकों द्वारा पटना में गुरुवार को आयोजित एक बैठक में सर्वसम्मति से गठबंधन का नेता चुने जाने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए तेजस्वी ने आरोप लगाया, इस चुनाव में जनता ने अपना फैसला सुनाया है और चुनाव आयोग ने अपना नतीजा सुनाया है। जनता का फैसला महागठबंधन के पक्ष में है, चुनाव आयोग का नतीजा राजग के पक्ष में है।
उन्होंने आरोप लगाया, जनता का जो जनादेश है और चुनाव आयोग के जो नतीजे हैं, उसमें बड़ा अंतर है। जनता का फैसला हमारे पक्ष में और नतीजा उनके पक्ष में। बिहार में यह कोई पहली घटना नहीं है। 2015 में जब महागठबंधन बना था तो उस समय जनादेश महागठबंधन के पक्ष में था लेकिन चोर दरवाजे से भाजपा सत्ता में आ गई। बिहार के मुख्यमंत्री लालच या डर के कारण…. कहा जाता है कि भाजपा ने उन्हें हाईजैक कर लिया। तेजस्वी ने कहा कि आज सभी लोगों में आक्रोश है कि धन, बल और छल…. एक तरफ देश के बहुत ही शक्तिशाली प्रधानमंत्री, बिहार के मुख्यमंत्री और तमाम पूंजीपति रहे। जोड़, घटाव, गुणा, भाग सब कुछ करने के बावजूद 31 साल के इस नौजवान को रोकने में नाकाम रहे।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए कहा, जो डबल इंजन का चेहरा हैं और जो यह दावा किया करते थे कि इस चेहरे का कमाल है कि राजद को हमने कहां से कहां पहुंचा दिया (2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में), आज देखिए यह चेहरा तीसरे नंबर पर चला गया है। नीतीश कुमार जी और भाजपा के लोग साफ तौर पर यह समझ लें, यह जो जनादेश है यह बदलाव का जनादेश है। अगर थोड़ी सी अंतरात्मा और नैतिकता नीतीश कुमार जी में बची होगी तो उन्हें जनता के फैसले का सम्मान करते हुए कुर्सी से हट जाना चाहिए।
उन्होंने नीतीश पर प्रहार करते हुए कहा, आपने तो खुद संन्यास लेने की बात कही है। अखिरी के क्षणों में कम से कम अपने मुंह पर कालिख तो मत पोतवा के जाईए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग भले ही कुर्सी पर बैठे हैं लेकिन महागठबंधन जनता के दिल में बैठा हुआ है। बिहार की जनता हमलोगों के साथ है। हम इसके लिए धन्यवाद यात्रा भी निकालेंगे। हमारा स्पष्ट मानना है कि हम हारे नहीं, जीते हैं।
तेजस्वी ने नीतीश पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार में जो भी छल, कपट, धन और बल के सहारे बैठते हैं उनसे कहना चाहते हैं कि यह उनके लिए चार दिन की ही चांदनी है, अगर 19 लाख रोजगार सहित अन्य मामलों में जनवरी तक स्थिति नहीं सुधरी तो महागठबंधन आंदोलन छेड़ेगा। उन्होंने चुनाव के नतीजे पर प्रश्न उठाते हुए यह आश्चर्य जताया कि इस चुनाव में राजग और महागठबंधन के कुल मतों का अंतर केवल 12,270 है पर इतने वोटों में राजग ने 15 सीटें जीतीं।