उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 1604 हुई

एक्टिव केसेस के संख्या हुई 1374, अब तक 24 की मौत, 206 डिस्चार्ज

कम हो रही है नए मामलों की संख्या, 94 में से 80 सिर्फ 13 जिलों से

कानपुर, सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा और फिरोजाबाद बने हाई रिस्क जिले

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण का ग्राफ नीचे आने का नाम ही नहीं ले रहा है। शुक्रवार को प्रदेश के 57 जिलों से कोरोना संक्रमण के 94 नए मामले सामने आयें हैं, जिसके बाद कुल मामलों की संख्या 1604 हो गयी है। हालांकि, संक्रमण की वजह से सूबे भर में मृत्यु की एक भी रिपोर्ट नहीं है, लेकिन एक्टिव केसेस की संख्या बढ़ कर 1374 हो गयी है। अब तक प्रदेश में 24 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी के साथ सयुक्त प्रेससवार्ता में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि अब तक 206 मरीज इलाज के बाद स्वस्थ्य हो कर अपने घर जा चुके हैं। 11 जिले जो कोरोना मुक्त हो चुके हैं वहां अब एक भी एक्टिव केस सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निदेर्शों के क्रम में 18 ऐसे जिले जहां संक्रमण के मामले ज्यादा हैं, वहां चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारीयों को भेजा जा रहा है।

प्रसाद ने कहा कि संक्रमण का अब जो ट्रेंड सामने आ रहा है उसके हिसाब से मरीजों की संख्या कम हो रही है। उन्होंने कहा, ‘अभी तक जो ट्रेंड आ रहा था उसमे संक्रमण तीन डिजिट में बढ़ रहा था। लेकिन, इधर पिछले दो-तीन दिनों में यह दो डिजिट में वापस आ गया है। अभी तुलना की जा रही तो यह सामने आया कि गुरुवार शाम से अब तक संक्रमण के 94 मामले सामने आये हैं। इसमें खास बात यह है कि वैसे तो 46 जिलों में एक्टिव केसेस हैं, लेकिनं नए मामले सिर्फ 13 जनपदों से आये हैं। अब जिलों से बहुत कम मामलों रिपोर्ट हो रहे हैं।

प्रमुख सचिव ने बताया कि एक खास बात और है कि 94 में से 80 मामले केवल पांच जिलों कानपुर, सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा और फिरोजाबाद में ही मिले हैं। बाकि के 14 आठ जिलों के हैं। इसमें से भी अधिकांश मामले हॉट स्पॉट्स से ही सामने आये हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हॉट स्पॉट बना कर कन्टेनमेंट की जो रणनीति अपनायी गयी थी उसके फायदे सामने आ रहे हैं। अगर इसी रणनीति पर हम आगे भी काम करते रहे तो संक्रमण को नियंत्रित कर पाना संभव होगा।

प्रसाद ने कहा कि चूंकि इस समय आउट डोर पेशेंट (ओपीडी) नहीं चल रही है तो प्रयास किये जा रहे हैं कि लोगों को टेली कंसल्टेशन की सुविधा मिल सके। इसके लिए पहले ही एक आदेश जारी किया जा चुका है। इसके अलावा प्राइवेट डॉक्टरों को भी टेली कंसल्टेशन की अनुमति दी जा चुकी है और वह भी परामर्श दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि टेली कंसल्टेशन के लिए सभी जिला अस्पतालों के भी नंबर जारी किये गए हैं। उन्होंने बताया कि लखनऊ के केजीएमयू, एसजीपीजीआई लखनऊ, मेरठ एवं इटावा मेडिकल कॉलेज में भी पूल टेस्टिंग का काम लगातार चल रहा है।

प्रमुख सचिव ने कहा कि लोगों से लगातार अपील की जा रही है कि 60 वर्ष या उससे ज्यादा के और जिनकी पहले से ही मेडिकल हिस्ट्री है उनको संक्रमण से बचाएं, क्योंकि यह महामारी सबसे ज्यादा उन पर हमला करती है। अब तक जिन 24 लोगों की मृत्यु हुई है उनमे से 21 या तो बुजुर्ग थे या उनको पहले से कोई बीमारी थी। उन्होंने कहा कि लोगों से लगातार मास्क लगाने का अनुरोध किया जा रहा है, क्योंकि सबसे ज्यादा मामले वहीँ से आ रहे हैं। हॉट स्पॉट्स के लोगों के बहुत जरूरी है कि वह साबुन से हाथ धोने, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने के निदेर्शों का अवश्य पालन करें।

प्रसाद ने कहा कि इस समय प्रदेश में 1394 लोगों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है तथा 12032 लोगों को फैसिलिटी क्वारेंटाइन किया गया है। उन्होंने बताया कि लेवल 1 वाले हॉस्पिटलों में आॅक्सीजन और नेब्युलाइजर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। लेवल 1 अटैच्ड के हॉस्पिटल केवल ऐसे लोगों के लिए बनाये गए हैं, जिनमे संक्रमण का कोई भी लक्षण नहीं है। उनमे अगर लक्षण पाए गए तो उन्हें हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया जायेगा।

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