दुष्यंत प्रताप सिंह की पौराणिक कृति सात्यकि द्वापर का अजेय योद्धा का विमोचन
लखनऊ। बॉलीवुड के फिल्म निर्देशक एवं लेखक दुष्यंत प्रताप सिंह की पौराणिक कृति सात्यकि द्वापर का अजेय योद्धा का विमोचन शुक्रवार को किया गया। यूनिवर्सल बुक सेलर्स में प्रसिद्ध लोकगायिका पदमश्री मालिनी अवस्थी, शिक्षाविद राजेश दयाल, यूनिवर्सल बुक सेलर्स के सीईओ गौरव प्रकाश और लेखक दुष्यंत प्रताप सिंह ने पुस्तक का विमोचन किया। यह पौराणिक कृति द्वापर युग के योद्धा सात्यकि के जीवन पर आधारित एक महागाथा है। पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा मैं बहुत खुश हूं कि लेखक आज हमारे युगों और इतिहास के ऐसे योद्धाओं व कर्म योगियों के बारे में लिख रहे हैं जो लोगों की स्मृति से लगभग विस्मृत हो चुके हैं । ऐसी किताबें और साहित्य ही उनके असाधारण जीवन पर न सिर्फ प्रकाश डालते हैं बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी एक गर्व का अनुभव कराते हैं और हमारी सनातन संस्कृति के अपूर्व इतिहास से उनका नूतन परिचय होता है। उन्होंने कहा कि ऐसी गाथाओं पर और हमारे महाकाव्यों पर निश्चित रूप से हमारी सरकारों को भी निरंतर कार्य करना चाहिए अवधी संस्कृति, साहित्य और लोकगीतों की सबसे शीर्ष गायिका मालिनी अवस्थी इस अवसर पर बेहद अभिभूत दिखाई दीं उनके शब्दों में वे बहुत खुश होती हैं जब ऐसा साहित्य उनके हाथ में आता है क्योंकि इतिहास और युग गाथाओं में उनकी बेहद दिलचस्पी है। उन्होंने कहा कि जब ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पात्रों को साहित्य के माध्यम से फिर से प्रस्तुत किया जाता है, तो वह एक सांस्कृतिक जागरण का रूप ले लेता है। गौरव प्रकाश ने कहा की सात्यकि द्वापर का अजय योद्धा जैसी किताबें जब उनके बुक स्टोर्स में आतीं हैं तो बेहद खुशी होती है क्योंकि भूतकाल का वर्तमान से परिचय और भविष्य को आमजनों से जोड़ने वाली किताबें अक्सर कम मात्रा में उपलब्ध हैं। लेखक दुष्यंत प्रताप सिंह ने बताया कि यह किताब न सिर्फ उनके लिए एक चुनौती थी बल्कि महायोद्धा सात्यकि का वर्तमान पीढ़ी से परिचय उनके लिए एक बेहद भावुक पल है। सात्यकि द्वापर का अजेय योद्धा देश और दुनिया के सभी आॅनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है। साथ ही यह किताब क्रॉसवर्ड, यूनिवर्सल, ओम, सपना जैसे वरिष्ठ बुक डिस्ट्रीब्यूटर्स के पास भी उपलब्ध है। इस बुक का आॅडियो आॅनलाइन सभी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है जो लगभग 8:30 घंटे का आॅडियो आपको रोमांच की एक अलग दुनिया में ले जाता है। लेखक ने कहा कि करीब दो साल में यह गाथा इस मुकाम पर पहुंची। उन्हौंने उम्मीद जताई कि उपरोक्त किताब का अंग्रेजी संस्करण माह अक्टूबर में समूचे विश्व में उपलब्ध होगा और जल्दी इस किताब पर एक वेब सीरीज का निर्माण प्रस्तावित है। राजेश दयाल ने कहा कि किताबें हमारे इतिहास को वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाने का सबसे बेहतरीन माध्यम है।