पहाड़ी कला से सजा स्याल्दे बिखौती मेला का मंच

पर्वतीय महापरिषद का स्याल्दे बिखौती मेला आयोजित

लखनऊ। श्री रामलीला समिति पर्वतीय महापरिषद की ओर से गोमतीनगर स्थित भवन में स्याल्दे बिखौती मेले का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि परिषद के मुख्य संयोजक टीएस मनराल और अतिविशिष्ट अतिथि अध्यक्ष गणेश चन्द्र जोशी व समारोहाध्यक्ष प्रो. आरसी पन्त थे। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण विविध प्रकार के उत्तराखण्डी झोड़ा नृत्य एवं गायन रहे। सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारम्भ वन्दना गीत के साथ हुआ। गायक आनंद कपकोटी, वादक कलाकार हारमोनियम पर नरेन्द्र सिँह फर्त्याल, हुड़का पर मोहन सिंह बिष्ट साथ दे रहे थे। कार्यक्रम में ग्राउण्ड में 250 से अधिक महिलाओं व पुरूषों द्वारा सामूहिक झोड़ा नृत्य का जबर्दस्त प्रदर्शन किया गया। जिसमें अनेक पुराने एवं नए झोड़ा गीतों पर नृत्य प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने बताया कि अल्मोड़ा जनपद के द्वाराहाट कस्बे में सम्पन्न होने वाला स्याल्दे बिखौती का प्रसिद्ध मेला प्रतिवर्ष वैशाख माह में सम्पन्न होता है । हिन्दू नव संवत्सर की शुरूआत ही के साथ इस मेले की भी शुरूआत होती है जो चैत्र मास की अन्तिम तिथि से शुरू होता है। यह मेला द्वाराहाट से आठ कि.मी. दूर प्रसिद्ध शिव मंदिर विभाण्डेश्वर में लगता है। मेला दो भागों में लगता है । पहला चौत्र मास की अन्तिम तिथि को विभाण्डेश्वर मंदिर में तथा दूसरा वैशाख माह की पहली तिथि को द्वाराहाट बाजार में मेले की तैयारियाँ गाँव-गाँव में एक महीने पहले से शुरू हो जाती हैं। चैत्र की फूलदेई संक्रान्ति से मेले के लिए वातावरण तैयार होना शुरू होता है। गाँव के प्रधान के घर में झोड़ों का गायन प्रारम्भ हो जाता है। इस मौके पर मुख्य रूप से गोविन्द सिंह बोरा, रमेश चन्द्र उपाध्याय, गोपाल दत्त गरवाल, टीडी पपने, हरीश कांडपाल, पीसी पंत, ख्याली सिंह कड़ाकोटी, पुष्कर सिंह नयाल, आनंद सिंह कपकोटी, नारायण सिंह नेगी, टीडी कांडपाल , उमेश कैड़ा, हुकम सिंह, किशन सिंह बोरा, नरेन्द्र सिंह फर्त्याल, रमेश चंद्र उपाध्याय सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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