लखनऊ। आतिशबाजी के बिना दीपोत्सव की कल्पना करना बेमानी है। शुभता के प्रतीक श्री गणेश और समृद्धि की प्रतीक मां लक्ष्मी के पूजन के साथ आतिशबाजी के बीच दीपावली का उल्लास दो गुना हो जाता है। पारंपरिक फुलझड़ी, अनार, मेहताब के साथ ही इस राकेट आसमान में सतरंगी डिजिटल रंग बिखेरेगा तो क्यू आर कोड पटाखे की पर्यावरण की अनुकूलता की जानकारी देगा।
डिजिटल पटाखों में कई नई रेंज भी बाजार में मौजूद है। 150 मीटर ऊंचाई पर जा कर डिजिटल रंग-बिरंगे गोली छोड़ता है। काकोरी में पटाखे की थोक दुकानों पर खरीदारी का दौर शुरू हो गया है तो दूसरी ओर शहर में स्थान चिन्हित किए जा रहे हैं। ऐशबाग के डीएवी महाविद्यालय के परिसर में फुटकर दुकाने लगाने की तैयारियां चल रही हैं तो दूसरी ओर आमलमाग, चौक, कानपुर रोड एलडीए कालोनी, गोमतीनगर, एचएएल व चिनहट क्षेत्रों में फुटकर दुकाने लगाने की तैयारी चल रही है।
बच्चों के लिए खास पैक:
लखनऊ आतिशबाजी व्यापार कल्याण समिति के महामंत्री ने बताया कि बच्चों को सुरक्षित आतिशबाजी के लिए विशेष पैके रखा गया है। 800 से लेकर पांच हजार रुपये में कंबो पैक भी मौजूद है। पैक में इलेक्ट्ररनिक स्टोन, बेबी ररकेट, कालर सावर स्काई शाट पटाखे स्नैक शाट पटाखे, स्नैक टैबलेट सहित 25 तरह के पटाखे मौजूद हैं। इस बार बाजार में पटाखे की मांग के अनुरूप आपूर्ति न होने से पटाखे महंगे हैं। बारुद व दफ़्ती जैसे पटाखे बनाने वाली कंपनियों ने उत्पादन आधा कर दिया है जिससे राकेट, फुलझड़ी, अनार सहित अन्य पटाखे महंगे हो गए हैं। थोक बाजार में 32 लाइसेंसी पटाखा कारोबारी है जिसमे से 25 लाइसेंसी दुकानदार ही काम कर रहे हैं । सात दुकानदार ऐसे हैं जो धनतेरस से दुकाने लगाते हैं।