गजल, कुचिपुड़ी व कथक की प्रस्तुति ने समां बांध दिया

संगीत नाटक अकादमी में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन कला महोत्सव का आयोजन
अंतरराष्ट्रीय समारोह में चमकीं ईशा-मीशा रतन

लखनऊ। संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह गोमतीनगर लखनऊ में आज शाम इंटरनेशनल पर्फार्मिंग आर्ट फेस्टिवल-2025 के तहत सुर, संगीत और नृत्य की यादगार महफिल सजी।
आइपीएएफ फाउण्डेशन की ओर से आयोजित समारोह में पं.अर्जुन मिश्र व सुरभि सिंह की शिष्या रतन सिस्टर्स ईशा-मीशा ने रुद्राष्टकम- नमामि शमीशान निर्वाण रूपं… की ओज भरी प्रस्तुति की। इसके बाद 14 मात्रा में ताल धमार में तिहाई, परन, घोड़े की चाल, चक्कर इत्यादि को खूबसूरती पेश किया। अपने रंग रंग दे सांवरा….. गीत की प्रस्तुति में रतन बहनों ने भाव और अभिनय का दर्शनीय सामंजस्य दिखाया।


इससे पहले सुनील शुक्ल के संचालन में कार्यक्रम की शुरूआत कमाल खान की- तेरे आने की जब खबर महके….जैसी गजल से हुई। आगे उन्होंने- तुम्हारे खत में नया इक सलाम किसका था…., पत्थर के सनम…., कोई फरियाद तेरे नाम लिखी हो जैसे…., लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यों हैं…. और अजनबी शहर में अजनबी रास्ते…. जैसी गजलें कहीं। वाद्यों पर सुभाष शर्मा, राकेश आर्या और संजय ने अच्छा साथ निभाया। बाल विद्या मंदिर के बीवीएम एण्ड ग्रुप के करीब 40 कलाकारों ने गौरव सिंह के निर्देशन में संगीतमय योग का सुंदर संयोजनों में प्रदर्शन करते हुए पिरामिड बनाकर दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं। कुचिपुड़ी नृत्यांगना प्रियंका भर्डे ने एकम अर्धनारीश्वरम् की प्रस्तुति करते हुए शिव और शक्ति को शास्त्रीय गतियों में पेश करते हुए नवरस का संचार किया।
अतिथियों के तौर पर पूर्व डीजीपी रिजवान अहमद, बाल विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य डा.राकेश कुमार पाण्डेय, बैंक आफ इंडिया के जोनल प्रबंधक एनके दास और हिन्दुस्तान पैट्रोलियम के अधिकारीगणों ने कलाकारों के साथ शीरोज और नया सवेरा फाउंडेशन की टीम को सम्मानित किया।

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