आयुष्मान योजना से मिला गरीबों को इलाज का हक

कहा जाता है कि, ‘भगवान सब करवाये लेकिन अस्पताल के चक्कर न कटवाए’यानि बीमार होना या अस्पताल जाना या फिर अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करवाना सबसे बड़ा कष्ट है लेकिन वर्तमान में क्या कोई कह सकता है कि मेरे घर में सभी सदस्य स्वस्थ हैं और हम लोग तो कभी अस्पताल भी नहीं जाते हैं। शायद अपवाद स्वरूप भी कोई परिवार नहीं मिलेगा। अब जरा 20वीं शताब्दी यानि करीब 25 वर्ष के फ़्लैशबैक में चलते हैं। मैंने कई ऐसे मरीजों को देखा है जो सिर्फ इलाज के लिए धन की कमी के कारण जान गवां बैठे। यह आम धारणा है कि अस्पताल में भर्ती होने पर कितना पैसा इलाज पर खर्च होगा, यह कोई नहीं जानता। इस योजना में गरीबों के साथ ही 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी वरिष्ठजनों को अच्छादित किया गया है।

लोकेश त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भी पत्र जारी कर निर्देश दे दिया गया कि ज्यादा से ज्यादा बुजुर्गों को इस योजना से जोड़ें। पत्र के मुताबिक 70 वर्ष या उससे अधिक के सभी पात्र वरिष्ठ नागरिकों को पृथक आयुष्मान कार्ड जारी किया जाएगा जिसका नाम ‘आयुष्मान वय वंदना कार्ड’ रखा गया है। पत्र में कहा गया है कि आधार कार्ड में अंकित जन्म तिथि या जन्म वर्ष को ही उम्र आंकलन का आधार माना जाएगा। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) सरकार की एक प्रमुख योजना है। यह देश के आर्थिक रूप से कमजोर 40 प्रतिशत आबादी के 12.37 करोड़ परिवारों के लगभग 55 करोड़ लाभार्थियों के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर प्रति वर्ष, प्रति परिवार 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है।

इस योजना को लागू करने वाले कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी-अपनी राज्य स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को एबी पीएम-जेएवाई के साथ जोड़ दिया है। इससे सरकार द्वारा वित्त पोषित चिकित्सा बीमा के तहत कवर की जाने वाली आबादी बढ़कर 18 करोड़ से अधिक परिवारों तक पहुँच गई है। मार्च 2024 में आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायिकाओं के 37 लाख परिवारों को भी इस योजना में शामिल किया गया। इसके अलावा 29 नवंबर 2024 को सरकार ने 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का निशुल्क उपचार लाभ प्रदान करने के लिए एबी पीएम-जेएवाई का विस्तार किया।

देश भर में 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के लाभार्थी परिवारों की अनुमानित संख्या 4.5 करोड़ है। 30 नवंबर 2024 तक एबी पीएम-जेएवाई के अंतर्गत लगभग 36 करोड़ लाभार्थियों का सत्यापन किया जा चुका है। स्टेट एजेंसी फार काम्प्रेहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) यानि उत्तर प्रदेश की मॉडल एजेंसी के मुताबिक अब तक प्रदेश में तीन लाख 41 हजार बुजुर्गों ने अपने आयुष्मान कार्ड बनवा लिए हैं। 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी बुजुर्गों, चाहे उनकी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति कैसी भी हो, को इस योजना का लाभ मिलेगा। ऐसे परिवार जो वर्तमान में योजना से आच्छादित नहीं हैं, उनके 70 वर्ष एवं इससे अधिक आयु के बुजुर्गों को पांच लाख रूपए प्रति परिवार प्रति वर्ष का कवर फ्लोटर आधार पर अनुमन्य होगा।

केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से संचालित अन्य स्वास्थ्य बीमा योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान एवं अन्य योजनाओं के लाभार्थियों को वर्तमान योजना में बने रहने अथवा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के अन्तर्गत सम्मिलित होने का विकल्प चयनित करने के लिए एक ही बार अवसर प्रदान किया जाएगा। 70 वर्ष एवं इससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक, जिन्होंने निजी स्वास्थ्य बीमा का लाभ ले रखा है अथवा ईएसआईसी के लाभार्थी हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ अनुमन्य होगा। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत प्रदेश मे 5826 सरकारी व प्राइवेट अस्पताल सूचिबद्ध हैं। इस योजना के तहत 26 विशेषताओं से संबंधित बीमारियों के 1900 से अधिक पैकेज के अंतर्गत नि:शुल्क इलाज दिया जाता है। वास्तव में यह योजना गरीबों के लिए वरदान की तरह है।

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