संगीत नाटक अकादमी के वाल्मीकि रंगशाला में नाटक का मंचन
लखनऊ। थियेट्रॉन की प्रस्तुति प्रेमियों की वापसी नाटक का मंचन बुधवार को संगीत नाटक अकादमी के वाल्मीकि रंगशाला में किया गया। नाटक का लेखन हरिशंकर परसाई और निर्देशन पुरुषोत्तम शाक्य ने किया।
इस रचना में दो प्रेमी आत्महत्या करते हैं यह सोचकर कि यह दुनिया अत्यंत क्रूर है और प्रेमियों का मिलन नहीं होने देती है। पर जब वे दूसरे लोक में पहुँचते हैं तो उन्हें वह लोक भी पसंद नहीं आता है। उन्हें लगता है कि इस लोक में स्वतंत्रता कुछ ज्यादा ही है और कोई किसी के प्रति सच्चा नहीं है तो वे वापस पृथ्वी पर आना चाहते हैं। पर विधाता का यह निर्णय होता है कि जो आत्महत्या करके आते हैं उन्हें पुन: मनुष्य बनाने का नियम नहीं है। इसलिए वे मानव के रूप में नहीं बल्कि जानवर के रूप में जन्म ले सकते हैं। यह एक हास्य प्रस्तुति है। हरिशंकर परसाई जी की रचना ‘प्रेमियों की वापसी’ मूलत: हास्य व्यंग्य रचना है और यह रचना दो प्रेमियों के आत्महत्या से शुरू होती है। लेकिन इस रचना को नाटकीय रूप देने के लिए मैंने कुछ नए दृश्यों को जोडा है, जो इस कहानी में हमें पढ़ने को नहीं मिलते हैं। लेकिन इस कहानी के पात्रों के जीवन में घटित महत्वपूर्ण घटनाओं को दिखाने की कोशिश मैंने की है, कि किस तरह से उनका मिलन हुआ होगा, किस तरह से वह एक दूसरे से प्रेम करने लगे होंगे और आखिर में वह जो दो प्रेमी हैं वह आत्महत्या के चुनाव तक कैसे पहुंचे होंगे। नए दृश्यों को जोडने के लिए सभी कलाकारों ने मेरी बहुत सहायता की है और हमने एक छोटी सी कोशिश की है, जिससे परसाई जी की रचना से यह दृश्य सही सटीक तरीके से जुङ सकें। यह पूर्णत: एक हास्य प्रस्तुति है। नाटक में अहम भूमिका तथागत वत्स, सोनिका पाल, कुशाग्र सक्सेना, ओसियन वत्स, काजल वर्मा, अनुपम मल्होत्रा, राजकुमार वर्मा और रवि गुप्ता ने निभायी।