प्रतियोगिता में अव्वल आये प्रतिभागी अंतरराष्ट्रीय स्तर तक परचम लहरा रहे हैं : जयंत

यू.पी.एस.एन.ए.उल्लास समारोह में प्रदेश स्तर पर प्रतिभाओं को किया गया पुरस्कृत
लखनऊ। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश की ओर से उल्लास उत्सव बुधवार 5 फरवरी को अकादमी परिसर के संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में आयोजित किया गया। इस समारोह में अकादमी के अध्यक्ष जयंत खोत ने अकादमी द्वारा आयोजित प्रदेश स्तरीय वृहद संगीत प्रतियोगिता के स्वर्ण जयंती वर्ष आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के इस प्रयास से कला प्रेमियों में नई ऊर्जा का संचार हो रहा है और समाज में रचनात्मकता और सांगीतिक समरसता को बढ़ावा मिलता है। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त प्रतिभागी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर अपनी विधा का परचम लहरा रहे हैं। इस समारोह में अलीगंज स्थित ललित कला अकादमी क्षेत्रीय केन्द्र के क्षेत्रीय सचिव डॉ. देवेन्द्र कुमार त्रिपाठी विशिष्ट अतिथि थे। समारोह में राजा मान सिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति साहित्य कुमार नाहर सहित अन्य विशिष्ट जनों को स्मृति चिन्ह और पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित भी किया गया।
इस समारोह में अकादमी के अध्यक्ष जयंत खोत ने अपने सम्बोधन में कहा कि ‘उल्लास-उत्सव’ बाल, किशोर और युवा कलाकारों को मंच पर लाकर परस्पर सीखने और अनुभव साझा करने का अवसर प्रदान करता है। उल्लास-उत्सव का उद्देश्य भारतीय सांगीतिक धरोहर को संरक्षित करना ही नहीं, अपितु नयी पीढ़ी को परिचित भी कराना है। यह कार्यक्रम पारम्परिक और समकालीन सांगीतिक कलाओं का संगम प्रस्तुत करता है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा वर्ष 1975 से निरन्तर प्रदेश के 18 मण्डलों के अन्तर्गत 19 जनपदों में शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता का आयोजन नौ विषयों में गायन के अन्तर्गत ख्याल तराना, ध्रुपद-धमार, ठुमरी-दादरा, स्वर वाद्य के अन्तर्गत-गज वाद्य, तन्त्र वाद्य, सुषिर वाद्य तथा अवनद्ध वाद्य के अन्तर्गत-तबला, पखावज और कथक नृत्य है। इस प्रतियोगिता के प्रथम चरण में 14 अक्टूबर से 16 नवम्बर 2024 तक 18 सम्भागों के 19 जनपदों में वृहद स्तर पर 11 विधाओं में नृत्य गायन और वादन की प्रतियोगिताएं 8 से 25 आयु वर्ग में करवाई गईं। पहली बार इसमें सुगम संगीत की प्रतिस्पर्धा को भी जोड़ा गया। लगभग एक हजार प्रतिभाओं ने सम्भाग स्तर पर अपनी कला का प्रदर्शन किया। उनमें से प्रथम स्थान प्राप्त 154 अव्वल प्रतिभागियों को प्रादेशिक प्रतियोगिता के लिए आमंत्रित किया गया। यह प्रतियोगिता लखनऊ के संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में 14 से 20 दिसम्बर तक हुई। इस समारोह में पुरस्कृत प्रतिभागियों को अकादमी के अध्यक्ष प्रो.जयंत खोत, उपाध्यक्ष विभा सिंह और निदेशक डॉ.शोभित कुमार नाहर का भी आशीर्वाद प्राप्त हुआ। पुरस्कारों के लिए कुल 75 प्रतिभाओं को आमंत्रित किया गया था।
इस प्रतियोगिता में बाल वर्ग में बांदा के मो. बिलाल को सारंगी, वाराणसी के शिवांश को सितार, विंध्याचल के मयंक कुमार को बांसुरी, आगरा के नक्ष वरुण को तबला, अयोध्या के देव प्रकाश दुबे को पखावज, कानपुर के समिष्ठ अग्रवाल ख्याल तराना, कानपुर की दैव्या गुप्ता को ध्रुपद धमार, प्रयागराज की स्वास्ति टंडन को ठुमरी दादरा, कानपुर के समिष्ठ अग्रवाल गजल, लखनऊ के अर्थव मिश्रा को भजन और सहारनपुर की अनन्या सिंह को कथक प्रतिस्पर्धा में प्रथम आने पर पुरस्कृत किया गया।
किशोर वर्ग में वाराणसी के हेमंत कुमार कुशवाहा को वायलिन, लखनऊ की मिहिका गांगुली को सितार, लखनऊ के ओमकार बनौधा को बांसुरी, लखनऊ के सोहम मिश्रा को तबला, अयोध्या के अनुभव रामदास को पखावज, वाराणसी के प्रणव शंकर को ख्याल तराना, कानपुर के शाश्वत पाण्डेय को ध्रुपद धमार, वाराणसी की नित्या सेठ को ठुमरी दादरा, प्रयागराज की शुभि पाण्डेय को भजन, आगरा की अनीशा देव को गजल, मुरादाबाद की वेदांशी त्यागी को कथक प्रतियोगिता में अव्वल आने पर पुरस्कृत किया गया।
युवा वर्ग में वाराणसी की वैष्णवी श्री को बांसुरी, लखनऊ के आलोक कुमार मिश्रा को तबला, अयोध्या की कौशिकी झां को पखावज, वाराणसी के ईशान घोष को ख्याल तराना, मेरठ की आलिया खान को ठुमरी, अतर्रा के साकेत कुमार को ध्रुपद धमार, मेरठ की आलिमा खान को गजल, वाराणसी के ईशान घोष को भजन, लखनऊ की वल्लरी नारायण पाठक को कथक प्रतिस्पर्धा में प्रथम आने पर पुरस्कृत किया गया।
केन्द्र संयोजकों में विधा, आगरा के राजबहादुर सिंह, अयोध्या की डॉ. कल्पना एस. वर्मन, कानपुर की डॉ. संगीता श्रीवास्तव, गोरखपुर की नीरज त्रिपाठी, मथुरा के डॉ. राजेन्द्र कृष्ण अग्रवाल, प्रयागराज की डॉ. रेनू जौहरी, बहराइच के जसवीर सिंह, विंध्याचल की पूजा केसरी, मऊ के गिरिजा शंकर त्रिपाठी, वाराणसी की संगीता सिन्हा, बांदा के धनजय सिंह, अतर्रा के रमेश चन्द्र मौर्या, झांसी के समीर भालेराव, सहारनपुर के रंजना नैव, मेरठ ऋचा शर्मा, मेरठ के प्रो. भावना ग्रोवर, बरेली के डॉ. मदन मोहन लाल, मुरादाबाद के आदर्श भटनागर, गाजियाबाद की समीक्षा शर्मा, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के निदेशक डॉ. शोभित कुमार नाहर शामिल रहे।

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