राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान द्वारा राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह का आयोजन
लखनऊ। राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उप्र द्वारा राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर काव्य/शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता डॉ. शोभा दीक्षित भावना ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ हीरालाल आईएएस, सचिव राष्ट्रीय एकीकरण विभाग, उप्र शासन थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ अम्बरीश अम्बर एवं सुरेश चन्द्र शुक्ल शरद आलोक थे। मुख्य वक्ता प्रदीप सारंग जी रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन एवं संयोजन संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ उमेश आदित्य ने किया। इसके अतिरिक्त संस्थान की महामंत्री डॉ सीमा गुप्ता ने संस्थान का परिचय प्रस्तुत करते हुए संस्थान द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में सभी को बताया साथ ही सरदार वल्लभ भाई पटेल से सम्बन्धित काव्यपाठ प्रस्तुत किया।
वाणी वन्दना संस्थान की उपाध्यक्ष डॉ शोभा दीक्षित भावना ने प्रस्तुत की। इस अवसर पर सर्वश्री डॉ शोभा दीक्षित भावना, डॉ अम्बरीश अम्बर, सुरेश चन्द्र शुक्ल शरद आलोक, डॉ उमेश आदित्य, संस्थान की महामंत्री डॉ सीमा गुप्ता, डॉ अम्बरीष कुमार सिंह, चन्द्रदेव दीक्षित, अमरेन्द्र द्विवेदी, अनन्त प्रकाश तिवारी, रामराज भारती, रजत बहादुर वर्मा, रमेश चन्द्र रावत, श्रवण कुमार, विपुल कुमार मिश्र, सुरेन्द्र शर्मा, राजेश सिंह श्रेयस, सुरेन्द्र गौतम, राज किशोर, गुमान सिंह, सैयद अब्बास रजा, राजश्री दुबे, दिशान्त श्रीवास्तव, अनिल कनौजिया, मीना गौतम, पूर्णिमा बेदार श्रीवास्तव, सुरेन्द्र विक्रम अस्थाना, श्रीमती सगुफ्ता अंजुम, संजीव मिश्रा, सुनीता तिवारी, अपूर्वा द्विवेदी, अखिलेश त्रिवेदी, अलका शर्मा, जयेन्द्र चतुवेर्दी, सन्तोश कुमार पटेल, ज्ञान सिंह, दिनेश पाल, सुनील सोनकर एवं आदित्य तिवारी ने अपने कविताओं एवं वक्तव्य से लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान पर प्रकाश डाला।
देश द्रोहियों का चूर-चूर हो गुरूर आज, उसके लिए तो लौह सरदार चाहिए। मुख्य वक्ता प्रदीप सारंग बुझ नहीं सकता वह दीपक, हृदय से जिसे जलाया है। सुरेश चन्द्र शुक्ल शरद आलोक एकीकरण के झंडाबरदार बन गये, भारत की स्वर्ण चिड़िया परदार बन गये, तुमने दिखाई ऐसी नेतृत्व की कला, हिन्दोस्तान भर के सरदार बन गये। डॉ अम्बरीश अम्बर देश की अखण्डता को कार्यरूप देने वाले, जूना औ निजाम यमकाल को नमन है। विपुल कुमार मिश्रा एकता को हृदयंगम करने के निमित्त:- एक बनेंगे, नेक बनेंगे। सुरेन्द्र विक्रम अस्थाना एकता संकल्प देष और दुनिया के साथ साथ एक परिवार भी स्वर्ग और सुखी बनता है, एकता और अखण्डता हमारी संस्कृति का एक रूप है। सुरेन्द्र शर्मा सोमनाथ निर्माण कर, रचा नव्य इतिहास, राजनीतिक संस्कार का, यह था श्रेष्ठ प्रयास। डॉ उमेश आदित्य समारोह के मुख्य अतिथि डॉ हीरा लाल, आईएएस ने लौह पुरुष डॉ वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती के अवसर पर सभी को शुभकामनायें देते हुए उनके द्वारा किये गये सभी अनछुए पहलुओं, यथा नेतृत्व, त्याग, महिला विकास, प्रबन्धन, शिक्षा एवं राष्ट्रीय एकीकरण के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। उपस्थित सभी साहित्यकारों श्रोताओं द्वारा राष्ट्रीय एकता अखंडता हेतु शपथ ग्रहण की गई।





