back to top

गंगा हमारी व संस्कृति की पहचान व अमूल्य धरोहर : आनंदीबेन पटेल

  • राज्यपाल ने किया अतुल्य गंगा के तहत पदयात्रा का शुभारम्भ
  • कुम्भ अध्ययन केंद्र का भी किया उद्घाटन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को कहा कि गंगा नदी हमारे देश व हमारी संस्कृति की पहचान व अमूल्य धरोहर है। जीवन दायिनी गंगा भारत की संस्कृति, आध्यात्मिक चिन्तन, जलवायु और अर्थव्यवस्था सभी पर अपनी अमिट छाप छोड़ती है। राजभवन से ‘अतुल्य गंगा परियोजना’ के तहत प्रयागराज से मंगलवार से शुरू होकर 10 अगस्त तक चलने वाली 5100 किलोमीटर परिक्रमा का आनलाइन शुभारम्भ करते हुए राज्यपाल ने कहा कि गंगा के दोनों तटों पर वृक्षारोपण करती हुई गांवों और शहरों से गुजरने वाली भारत की सबसे लंबी पदयात्रा से देश में गंगा सहित सभी नदियों के लिए व पर्यावरण संरक्षण के लिए एक नयी ऊर्जा का संचार होगा। इस गंगा यात्रा से गंगा संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता व सहभागित भी बढ़ेगी।

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि गंगा एक प्राकृतिक संसाधन के रूप में देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। नदियां पर्यावरण और प्राकृतिक जैव विविधिता की संरक्षक हैं। उन्होंने कहा कि गंगा नदी अपने आसपास के क्षेत्र में मानव समाज ओर अन्य जीवों के साथ हमारों प्रजातियों के जलीय जीव-जन्तुओं का भी पोषण करती है। उन्होंने कहा कि देश, प्रदेश एवं समाज का विकास हो, मगर विकास ऐसा हो जो प्राकृतिक स्रोतों को कम से कम नुकसान पहुंचाए।

राज्यपाल ने अपील की कि हम सभी देशवासी प्राणदायिनी गंगा के अस्तित्व पर मंडरा रहे संकट को दूर करने के लिए एकजुट होकर इसे निर्मल बनाये रखने का प्रयास करें। उन्होंने गंगा की मुंडमाल परिक्रमा के लिए सेना के पूर्व अधिकारियों, संरक्षक मंडल के सभी सदस्यों एवं सहयोगी संगठनों के प्रयासों की सराहना की।

इसके साथ ही राज्यपाल ने राजभवन से गोविन्द वल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान और उत्तर प्रदेश प्रयागराज मेला प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में स्थापित ‘कुम्भ अध्ययन केंद्र’ का आनलाइन उद्घाटन करते हुए कहा कि कुम्भ जैसे महत्वपूर्ण आयोजन के लिए अभी तक देश में कोई शोध केंद्र नहीं था। यह केंद्र कुम्भ मेले से जुड़े शोध, अभिलेखीकरण एवं ज्ञान-विमर्श पर आधारित होगा। उन्होंने कहा कि संस्थान की उच्च स्तरीय फैकल्टी और उनका शोध अनुभव जनसामान्य को कुम्भ की परंपराओं व विरासत को समझने की एक नया नजरिया देगा।

आंनदीबेन पटेल ने कहा कि ‘कुम्भ अध्ययन केंद्र’ केंद्र व राज्य सरकार के नीति नियोजकों के लिए एक डाटाबेस का काम करेगा, जो कुम्भ मेले में आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए बेहतर संयोजन होगा। उन्होंने कहा कि यह केंद्र प्रयागराज के कुम्भ क्षेत्र और इसके आस-पास के क्षेत्र में स्थित छोटे-छोटे तीर्थों के डाक्यूमेंटेशन का काम भी करेगा। इससे देश और विदेश से आने वाले पर्यटक प्रयागराज के सांस्कृतिक स्वरूप को और बेहतर तरीके से जान सकेंगे।

RELATED ARTICLES

डिवाइडर से टकराई स्लीपर बस, 38 लोग घायल

कन्नौज। उत्तर प्रदेश में कन्नौज के तिर्वा थाना क्षेत्र में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर शुक्रवार देर रात एक बस डिवाइडर से टकराकर पलट गई...

सुल्तानपुर लूटकांड मामले का आरोपी पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार

लखनऊ। सुल्तानपुर में 28 अगस्त को जौहरी की दुकान में दिनदहाड़े डकैती करने के एक आरोपी को विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने स्थानीय पुलिस...

बैंकॉक में फ़ूडमैन विशाल सिंह को हंगर फ्री वर्ल्ड मिशन के लिए किया गया सम्मानित

हंगर फ्री वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस में आए कई देशों के प्रतिनिधियों ने फ़ूडमैन विशाल सिंह को हंगर फ्री वर्ल्ड का चेयरमैन नियुक्त किया लखनऊ. विश्व...

Latest Articles