यूपी के राज्यपाल ने कोरोना काल में सरकार के कार्यों की सराहना की, उपलब्धियां गिनाईं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधान मंडल के बजट सत्र की शुरुआत के पहले दिन बृहस्पतिवार को सदन के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और किसानों के हित में चलाई गई योजनाओं का ब्यौरा दिया।

विपक्षी सदस्यों के शोरशराबे तथा समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के बहिर्गमन के बीच अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा, कोरोना काल में जिस तरह से प्रदेश सरकार ने कार्य किए, उसकी सराहना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की है। प्रदेश में अब 125 सरकारी और 104 निजी प्रयोगशालाएं है जहां कोरोना वायरस की जांच की जा रही है।

प्रदेश में करीब दो लाख कोरोना जांच प्रतिदिन की जा रही है और टीकाकरण का काम भी बहुत तेजी से हो रहा है। करीब छह मिनट की देरी से अभिभाषण की शुरुआत करने पर विपक्षी सदस्यों ने एतराज जताया और सदन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि राज्यपाल अभिभाषण पढ़ना नहीं चाहती थी लेकिन मुख्यमंत्री के अनुरोध के बाद वह पढ़ने को तैयार हुई। नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी और कांग्रेस दल की नेता आराधना मिश्रा ने मांग की कि राज्यपाल का अभिभाषण फिर से पढ़वाया जाए।

राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध करते हुए समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। विपक्ष के इस निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण सरकार की नीतियों का पन्ना होता है, लेकिन आज जिस प्रकार से विपक्ष ने गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया है, वह निंदनीय है। करीब 42 मिनट के अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान जान गंवाने वाले कोरोना योद्धाओं प्रदेश सरकार के मंत्री चेतन चौहान व कमल रानी वरुण तथा विधान परिषद सदस्य श्रीराम सिंह यादव के निधन पर उनको श्रद्धांजलि भी दी।

उन्होंने कहा, कोरोना काल के दौरान प्रदेश सरकार ने दूसरे प्रदेशों के श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने का काम तो किया ही साथ ही कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों से सकुशल उनके घर पहुंचाया। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना काल के दौरान प्रदेश में कोई भी चीनी मिल बंद नहीं हुई। किसानों और गन्ना किसानों के लिए चलाई गई योजनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए राज्यपाल ने कहा कि किसी चीनी मिल परिसर में कोई भी किसान कोरोना से पीडि़त नहीं हुआ।

उन्होंने कहा मेरी सरकार द्वारा अब तक लगभग एक लाख 23 हजार करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है जिससे 46 लाख से अधिक गन्ना किसान लाभान्वित हुए हैं। राज्यपाल ने कहा कि रबी विपणन वर्ष 2020-21 में कोविड-19 के कारण उत्पन्न विषम परिस्थितियों के बाद भी प्रदेश में छह लाख 63 हजार से अधिक किसानों से 35 लाख 76 हजार मीट्रिक टन गेहूं क्रय किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक रिकार्ड 65 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान की खरीद की जा चुकी है।

उन्होंने किसानों के हित में चलाई गई अन्य योजनाएं भी गिनाईं। पटेल ने कहा दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए गोकुल पुरस्कार एवं भारतीय गोवंश की गाय से सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक को नंद बाबा पुरस्कार प्रदान किए जा रहे हैं। राज्यपाल ने कहा, प्रदेश सरकार ने अपराध और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और माफियाओं की संपत्ति को जब्त किया।

उन्होंने कहा कि अब तक एक हजार से अधिक माफिया को जेल भेजा गया तथा अनेक ने अदालत में आत्मसमर्पण किया। सार्वजनिक भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाए जाने और भू माफिया के खिलाफ की गई कार्वाई के तहत 67 हजार हेक्टेयर भूमि से ज्यादा अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराया गया और 2339 अतिक्रमणकर्ताओं को भूमाफिया के रूप में चिन्हित करते हुए 182 भूमाफिया को जेल में भेजा गया है।

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