लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रयागराज की शाषी निकाय की ऑनलाइन विशेष बैठक में, जिसमें केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के लिए जो नये माडल नियम तैयार किये हैं, उसे उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में भी लागू करने के लिए मंज़ूरी दे दी है।
यह विशेष बैठक भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के लिए तैयार किये गये माडल नियमों को लागू करने के बारे में बुलायी गयी थी।
राज्यपाल के सुझाव को मानते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा नये माडल नियम के तहत संस्था के हित के मद्देनजर गवर्निंग बाॅडी में सदस्य के रूप में नामित केंद्रीय संस्कृति मंत्री और संबंधित राज्यों के संस्कृति मंत्री को हटा दिया गया है। नये माडल नियम में लोक कला और जन जातीय संस्कृति को संरक्षित करने पर विशेष ज़ोर दिया गया है।
इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि कार्यक्रम समिति जो भी कार्यक्रम बनाये उसे संबंधित राज्यों से परामर्श लेकर ही बनाये और उसी के अनुसार निर्धारित समय पर आयोजन कराये। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक केंद्र विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर कार्यक्रम तैयार करें।
उन्होंने निर्देश दिये कि कलाकारों के पारिश्रमिक का भुगतान कार्यक्रम खत्म होने के बाद तुरंत सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से जो भी अनुदान मिलता है, उसे सही मद में ही खर्च करें।
इस अवसर पर बिहार के कला एवं संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार, उत्तराखण्ड के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की संयुक्त सचिव अमिता प्रसाद, हरियाणा की अपर मुख्य सचिव धीरा खण्डेलवाल, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव संस्कृति जितेंद्र कुमार के अलावा अन्य संबंधित राज्यों के प्रतिनिधि भी ऑनलाइन जुड़े थे।