लखनऊ। सोमवार को अभिनेता अरशद वारसी और डायरेक्टर अक्षय शेरे अपनी क्राइम थ्रिलर फिल्म भागवत के प्रचार के लिए राजधानी लखनऊ पहुंचे। इस दौरान अरशद वारसी ने फिल्म को लेकर विस्तार से बातचीत की।
उन्होंने दर्शकों को इस दिलचस्प थ्रिलर में मिलने वाले रोमांचक अनुभव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने लोगों को फिल्म की शूटिंग के कुछ किस्से भी सुनाए। फिल्म की कहानी बिल्कुल वास्तविक और जमीन से जुड़ी है। लोगों को यह पसंद आ रही है, यह देखकर बहुत अच्छा लग रहा है।
जॉली एलएलबी में सिस्टम से लड़ने वाले अरशद वारसी भागवत में क्राइम केस सॉल्व करते नजर आएंगे। आपको बता दें कि अरशद वारसी की अपकमिंग फिल्म भागवत चैप्टर वन राक्षस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर 17 अक्टूबर को रिलीज हो रही है। अरशद वारसी ने बतााय कि, भागवत चैप्टर वन राक्षस सत्य घटनाओं से प्रेरित फिल्म है। इसमें सही और गलत के बीच की बारीक लकीर को बखूबी दिखाया गया है। यह फिल्म भावनाओं से भरी हुई है और दर्शकों को सोचने पर मजबूर करेगी।
फिल्म संघर्ष और साहस से परिचित कराएगी
अरशद वारसी ने कहा, भागवत चैप्टर वन: राक्षस में किरदार निभाना मेरे लिए एक बेहद गहरा और भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण अनुभव रहा, लेकिन यह मेरे करियर का सबसे संतोषजनक अनुभवों में से एक भी है। वह आपका आम हीरो नहीं है, वह दोषपूर्ण, क्रोधित और अपने अतीत से परेशान है, फिर भी न्याय कायम करने के लिए संकल्पित है। फिल्म आपको उनके संघर्ष और साहस की पूरी यात्रा से परिचित कराएगी। मेरे लिए भूगवत / भागवत चैप्टर वन: राक्षस को खास बनाने वाली बात यह है कि यह सिर्फ किसी अपराध को सुलझाने की कहानी नहीं है, बल्कि अपने अंदर की लड़ाइयों का सामना करने की कहानी है। मैं दर्शकों को इस यात्रा का अनुभव करने के लिए उत्साहित हूँ और मुझे पूरा विश्वास है कि यह उन्हें आखिरी पल तक पूरी तरह बांधे रखेगी।
लखनऊ मेरे दिल के करीब, यहां शूटिंग करना सुखद : अरशद वारसी
लखनऊ। अरशद वारसी और निर्देशक, अक्षय शेरे का तहजीब और ऐतिहासिक कहानियों के शहर लखनऊ में भव्य स्वागत हुआ। इन दोनों ने केसरबाग पुलिस स्टेशन में पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की। यहां पर एक विशेष फोटो शूट के साथ उन्होंने शहर में न्याय और कानून व्यवस्था की सराहना की।
भागवत सत्य घटनाओं पर आधारित फिल्म है। यह एक गंभीर और भावनाओं से भरी फिल्म है, जिसमें तफ्तीश के साथ रहस्यों, धोखे और मानव संघर्ष के गहरे राज खुलते हैं। यह फिल्म रॉबर्ट्सगंज, उत्तर प्रदेश के देहाती परिदृश्य में फिल्माई गई है, जिसमें न्याय, सहानुभूति और व्यक्तिगत अंत:करण के बीच होने वाले नैतिक संघर्ष को दिखाया गया है।
अपनी यात्रा के दौरान अरशद और अक्षय ने बताया कि भागवत किस प्रकार वास्तविक दुनिया की समस्याओं, कानूनी संस्थाओं की सहानुभूति और सत्य की तलाश की मानवीय कीमत उजागर करती है। दोनों ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी न्याय व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की सराहना की। अरशद वारसी ने कहा, लखनऊ मेरे दिल के करीब है। मेरी एक फिल्म थी ‘सहर’, जिसमें मुख्य किरदार एसएसपी अजय कुमार की कहानी लखनऊ पर आधारित थी। एक और फिल्म डेढ़ इश्किया की शूटिंग लखनऊ में हुई थी। इसलिए लखनऊ, यहाँ के लोगों और खाने से मेरी प्यारी यादें जुड़ी हुई हैं। इस बार, मैं इन पुलिस अधिकारियों से मुलाकात करके बहुत उत्साहित हूँ, जो शक्ति और अखंडता के प्रतीक हैं। भागवत फिल्म में वास्तविक जीवन का साहस और दृढ़ विश्वास दिखाया गया है। इसमें दृढ़ता की शक्ति, संघर्ष करने की इच्छाशक्ति और सत्य में अटल विश्वास दिखाया गया है।
लखनऊ से गहरा भावनात्मक और सांस्कृतिक संबंध : अक्षय शेरे
डायरेक्टर अक्षय शेरे ने कहा, लखनऊ का साहस, सम्मान और मानवता की कहानियों से गहरा भावनात्मक और सांस्कृतिक संबंध है। भागवत फिल्म में भी यही दिखाया गया है। यहाँ पर पुलिस अधिकारियों से मुलाकात और न्याय के प्रति उनकी लगन से प्रेरणा मिली है। भागवत केवल अपराध और उसकी जाँच-पड़ताल की फिल्म नहीं है, बल्कि यह यहाँ के लोगों, उनकी पसंद और उनकी अंतरात्मा को प्रदर्शित करती है। शक्ति और सहानुभूति के शहर लखनऊ में यह संदेश लाकर हमें बहुत अच्छा महसूस हो रहा है।
संघर्षों से निकली कहानी है भागवत
निर्देशक अक्षय शेरे ने कहा कि, भागवत असली भावनाओं और वास्तविक संघर्षों से निकली कहानी है। यह हमारे समाज की सच्चाई और नैतिकता की परतें दिखाती है। फेस्टिवल में यह कहानी पेश करके और पटना के लोगों का उत्साह देखकर बहुत ही उत्साह वर्धक अनुभव मिला है। लोगों से मिलकर, उनकी प्रतिक्रिया जानकर और फिल्म के प्रति उनकी उत्सुकता देखकर हमें एहसास होता है कि हमारी कहानी बनाने का असल उद्देश्य पूरा हुआ।





