पटना। जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना उन पर परोक्ष निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि बिहार की राजनीति अपरिपक्वता और हताशा के खतरनाक मेल” की ओर बढ़ रही है, जो अब “घातक” होता जा रहा है।
चौधरी की यह टिप्पणी उस समय आई जब बिहार विधानसभा चुनावों की मतगणना जारी है और शुरुआती रुझानों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विपक्षी महागठबंधन से आगे दिखाई दे रहा है। चौधरी ने कहा कि कुछ नेता बार–बार रीसेट करने और बिना पर्याप्त दूरदृष्टि अथवा वैचारिक आधार के नीतियां लाने” की प्रवृत्ति दिखा रहे हैं।
उन्होंने कहा,राजग दो-तिहाई बहुमत से जीत रहा है। हम जीत में भी विनम्र रहना जानते हैं। लेकिन कुछ नेता न तो परिपक्वता दिखाते हैं, न स्थिरता। यही चिंता का विषय है। यह टिप्पणी उन्होंने परोक्ष रूप से पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ओर निशाना साधते हुए की। जदयू नेता ने दावा किया कि हर कीमत पर सत्ता हथियाने की हड़बड़ी में संस्थागत मानदंडों और लोकतांत्रिक आचरण पर दबाव बढ़ रहा है। उन्होंने कहा,अपरिपक्वता और हताशा का यह संयोजन किसी तरह से घातक बन जाता है; यह लोकतंत्र के लिए स्वस्थ नहीं है। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इस तरह की आशंका जताई है कि कुछ करीबी मुकाबलों में जिला निर्वाचन अधिकारी चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं।
चौधरी ने इन आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा, कोई अधिकारी किसी को जितवा या हरवा नहीं सकता। निर्वाचन आयोग की एक मजबूत प्रणाली है। कोई अपनी गर्दन फंसाएगा नहीं। चौधरी ने कहा, जिलाधिकारी या निर्वाचन अधिकारी के पास कुछ अधिकार जरूर होते हैं, लेकिन कोई भी किसी के लिए अपने करियर को जोखिम में नहीं डालेगा, अपनी गर्दन नहीं कटवाएगा।उन्होंने आरोप लगाया कि मतगणना के दौरान ऐसे ही ‘धारणाओं’ का इस्तेमाल जनमत को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है। चौधरी ने कहा, आखिरकार लोकतंत्र हताशा के आगे नहीं झुकता। संस्थाएं अब भी मजबूत हैं। जमीन की हकीकत आज भी जनता के हाथ में है।





