- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुख्यमंत्रियों से मंत्रणा कर लिए सुझाव
- अब जान और जहान दोनों पर ध्यान देना जरूरी : प्रधानमंत्री मोदी
नयी दिल्ली (एजेंसी)। केंद्र सरकार कोविड-19 के कारण लागू किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को 14 अप्रैल के बाद दो सप्ताह के लिए बढ़ाने के ज्यादातर राज्यों के अनुरोधों व सुझावों पर विचार कर रही है। सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ शनिवार को हुई मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद यह बात कही। पीएम मोदी ने इस बैठक में मुख्यमंत्रियों से कहा कि ध्यान अब जान भी, जहान भी पर होना चाहिए और भारत के उज्ज्वल भविष्य, समृद्धि और स्वस्थ भारत के लिए यह जरूरी है।
उधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में क्रमिक छूट दिये जाने पर गहरी आपत्ति जताई है और कहा कि राज्य में गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलने दी गयी व पुलिस ने धार्मिक कार्यक्रमों की भी इजाजत दी। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भेजे पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि सब्जी, मछली और मांस बाजारों में सरकार ने कोई नियंत्रण नहीं किया।
शनिवार को सरकार के मुख्य प्रवक्ता केएस धतवलिया ने ट्वीट किया कि भारत में कोरोना वायरस के मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अधिकतर राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री से लॉकडाउन को दो सप्ताह के लिए और बढ़ाने का आग्रह किया। सरकार इस आग्रह पर विचार कर रही है। ऐसे संकेत हैं कि लॉकडाउन को आर्थिक गतिविधियों में कुछ छूट के साथ बढ़ाया जा सकता है।
सूत्रों ने कहा कि वायरस से अप्रभावित इलाकों में कम पाबंदी सहित अन्य प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है। सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद के दौरान प्रधानमंत्री मोदी मास्क पहने हुए थे। वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री ने आश्वस्त किया है कि देश में जरूरी दवाएं पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं। उन्होंने कालाबाजारियों और जमाखोरों को सख्त संदेश दिया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि फार्म प्रोडक्ट की सीधी मार्केटिंग हो ताकि मंडी में भीड़ न उमड़े और किसानों को अपने उत्पाद का दाम घर पर ही मिले। पीएम ने कहा कि आरोग्य सेतु एप कोविड-19 से लड़ाई में जरूरी हथियार है, एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए ई-पास की तरह काम कर सकता है। मोदी ने कहा कि लॉकडाउन की घोषणा करते हुए मैंने कहा था कि जान है तो जहान है। देश के अधिकतर लोगों ने इसे समझा और घरों के भीतर रहने की जिम्मेदारी का पालन किया, लेकिन अब दोनों आयामों पर ध्यान देने की जरूरत है।
जान भी, जहान भी-जो भारत के उज्ज्वल भविष्य, समृद्धि एवं स्वस्थ भारत के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब प्रत्येक नागरिक इन दोनों आयामों पर ध्यान देगा और सरकार के निर्देशों का पालन करेगा, तब इससे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में हमें ताकत मिलेगी। प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल ने लॉकडाउन को कम से कम एक पखवाड़े के लिए बढ़ाने का सुझाव दिया।
कोविड-19 संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसकी अवधि 14 अप्रैल तक है। संवाद में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे, हरियाणा के मनोहर लाल, तेलंगाना के के. चंद्रशेखर राव, बिहार के नीतीश कुमार आदि ने हिस्सा लिया।
उधर, सभी केन्द्रीय मंत्रियों को सोमवार से अपने-अपने कार्यालयों से काम शुरू करने और लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की योजना बनाने के लिये कहा गया है। सूत्रों ने शनिवार को कहा कि सभी मंत्रियों से कहा गया है कि संयुक्त सचिव और उससे ऊपर की रैंक के अधिकारी अपने अपने विभागों में काम शुरू करें। इसके अलावा प्रत्येक मंत्रालय में आवश्यक कर्मचारियों के एक तिहाई सदस्यों का उपस्थित होना जरूरी है। सरकार कोविड-19 के हॉस्पॉट और लॉकडाउन खत्म होने के बाद अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के उपायों पर ध्यान केन्द्रित कर रही है।





