लखनऊ। इस साल शनि जन्मोत्सव 26 मई के दिन है। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 26 मई को है और इस तारीख पर न्याय के देवता शनिदेव का जन्मदिवस मनाया जाएगा। शनि जयंती शनिदेव की विशेष कृपा पाने के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। आप किसी भी समय पर शनिदेव की पूजा कर सकते हैं। इससे शनिदेव की कृपा आप पर बनी रहती है लेकिन पौराणिक मान्यता है कि अगर सूर्य के ढलने के समय अगर शनिदेव की पूजा की जाए, तो शनिदेव की विशेष कृपा मिलती है। विशेषकर जो लोग शनि की साढ़ेसाती या शनि की ढैया से पीड़ित हैं, उन्हें शनि जन्मोत्सव पर शनिदेव की पूजा जरूर करनी चाहिए।
शनिदेव को प्रसन्न करने की पूजा विधि:
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद नीले या काले रंग के कपड़े पहन लें। शनि मंदिर जाकर सरसों के तेल में काले तिल डालकर शनिदेव को अर्पित करें। इसके बाद शनिदेव के सामने दीपक जलाकर उनकी कृपा पाने के लिए प्रार्थना करें। शनि चालीसा का पाठ करके शनिदेव को प्रसाद चढ़ाएं।
शनिदेव की कृपा पाने के लिए इन बातों का रखें ध्यान:
शनिदेव की कृपा पाने के लिए याद रखें कि शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है, इसलिए कभी भी बुरे कर्म ना करें या इसे समर्थन ना दें। शनिदेव को लाल रंग के फूलों की जगह नीले रंग के फूल अर्पित करें। शनि जयंती पर पीपल की जड़ में पानी और कच्चा दूध मिलाकर चढ़ाने से भी आपकी कुंडली से शनि का नकारात्मक प्रभाव कम होता है।
तेल अर्पण करें:
इस दिन कांसे या लोहे के कटोरे में सरसों का तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखें। उसके बाद कटोरे सहित इसे किसी गरीब या जरूरतमंद को दान कर दें। या फिर शनि मंदिर में रख दें,आपकी समस्याएं कम होने लगेंगी।इस दिन छाया दान या शनिदेव पर तेल चढ़ाना अति लाभकारी माना गया है।
शनि स्तोत्र का पाठ करें:
इस दिन आप सुबह स्न्नान करके शनि मंदिर में जाकर शनि देव की पूजा-अर्चना करें। उसके बाद शनि स्तोत्र या फिर शनि कवच का पाठ करें इन दोनों पाठ में से आप कोई भी एक पाठ करेंगे तो शनिग्रह से जुड़ी दिक्कतें दूर होंगी।
गरीब या जरूरतमंद को दान दें:
इस दिन शनि मंदिर में जाकर शनिदेव को सरसों का तेल, काला तिल व काला उड़द अर्पित करें। इस दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को अपनी सामर्थ्य अनुसार मदद करें। शनि जयंती के दिन पैसे, काले कपड़े, तेल, भोजन, तिल और उड़द आदि का दान करने से शनिजनित दोष दूर होते हैं।
शिवजी और हनुमानजी की पूजा:
शनिदेव, हनुमानजी की पूजा करने वालों से सदैव प्रसन्न रहते हैं, इसलिए इनकी प्रसन्नता के लिए शनि पूजा के साथ-साथ हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए। वहीं शनिदेव के आराध्य भगवान शिव हैं। इस दिन शनिदेव के साथ शिवजी पर काले तिल मिले हुए जल से अभिषेक करना चाहिए। शनि दोष की शांति के लिए प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र या ‘ॐ नम: शिवाय’ का जाप और सुंदरकाण्ड का पाठ करना चाहिए इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं।