back to top

भरत मिलाप और राम राज्याभिषेक प्रसंग देख दर्शक मंत्रमुग्ध

लखनऊ। रविवार को श्री राम लीला समिति ऐशबाग के प्रांगण में स्थित तुलसी मंच पर कार्यक्रम का शुभारम्भ देवताओ की स्तुति के साथ हुआ जिसके बाद सांयकाल 7:30 बजे प्रथम मंच पर नृत्य धाम डांस एकेडमीकी निर्देशिका निशि मिश्रा के शिष्य कलाकारों द्वारा देवी भजनो पर नृत्य प्रस्तुत किया।
श्री रामलीला समिति के पदाधिकारियों ने निशि मिश्रा को स्मृति चिन्ह, रामायण एवं रामनामी दुपट्टा देकर सम्मानित किया एवं नृत्य करने वाले बच्चो को प्रमाण पत्र स्मृति चिन्ह देकर उनका उत्साह वर्धन किया। तत्पश्चात सांयकाल 8:30 बजे नाट्य गुरु भास्कर बोस जी को अंगवस्त्र स्मृति चिन्ह दे कर समिति के पदाधिकारियो ने सम्मानित किया। रामलीला में भाग लेने वाले सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह एवं रामनामी दुपटा देकर सम्मानित किया गया। नृत्य निर्देशक शमशुर्र रहमान (नवेद )को स्मृति चिन्ह एवं रामनामी दुपट्टा दे कर सम्मानित किया गया। नावेद एवं उनके सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह और रामनामी दुपट्टा दे कर समिति ने सम्मानित किया तत्पश्चात रात्रि 9.00 बजे रामलीला मंचन का प्रांरभ हुआ जिसमे विभीषण का राज्याभिषेक राम लछ्मण संवाद अग्नि परीक्षा राम चन्द जी की अयोध्या वापसी भारद्वाज मुंनि संवाद निषादराज मिलन गंगा पूजन राम भारत मिलन रामचंन्द जी का राज्याभिषेक बधाई संस्कार गीत तत्पश्चात प्रसाद वितरण किया गया के साथ रामलीला का मंचन रात्रि 11:30 बजे सम्पन्न हुआ। ऐशबाग के रामलीला मैदान में विगत 10 दिनों से चल रहे रामोत्सव.2024 में आज ऐशबाग रामलीला का मंच भगवान श्री राम के जयघोष से गूंज रहा था। इस अवसर पर भरत मिलाप और राम राज्याभिषेक प्रसंगों का मनोरम मंचन भी किया गया। पुष्पवर्षा से ऐसा दृश्य परिलक्षित हो गया कि मानों ऐसा लग रहा था कि आकाश से पुष्पों की वर्षा हो रही हो। कुछ इसी मनोरम वातावरण में भगवान श्री राम का राज्याभिषेक हुआ, भगवान श्री राम के साथ माता सीता राजगद्दी पर विराजमान हुयीं। इस अवसर पर लक्ष्मण, भरत, शत्रुहन, हनुमान जी, राजा दशरथ की रानियों संग तमाम अयोध्या वासियों ने भगवान श्री राम की जयकार करते हुए पुष्पों की वर्षा की। इस दृश्य में तमाम दर्शकों की आंखें नम हो गई। राम राज्याभिषेक के दौरान राम आए अवध की ओर सजनी और सुस्वागतम सुस्वागतम गीतों पर कलाकारों ने भावपूर्ण अभिनय युक्त नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया।

भव्य शोभायात्रा व राज्याभिषेक के साथ रामलीला का समापन
लखनऊ। सेक्टर सी महानगर रामलीला मैदान में श्री रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव के सातवें और अंतिम दिन राम लक्ष्मण सीता और हनुमान लंका में विजय प्राप्त कर विभीषण को लंका राजपाट सौंप कर अयोध्या वापस आते हैं। इस दौरान एक भव्य शोभायात्रा रामलीला मैदान से शुरू होकर महानगर के विभिन्न क्षेत्र से होते हुए जहां जगह जगह शोभायात्रा का स्वागत किया गया और पुन: रामलीला मैदान में शोभायात्रा समाप्त हुई जहां भरत जी भगवान राम, लक्ष्मण जी और सीता जी की अगवानी करते हैं। और उसके उपरांत मयार्दा पुरुषोत्तम श्रीराम जी की राजगद्दी का आयोजन होता है। इस प्रकार सात दिनों से चले आ रहे रामलीला महोत्सव का आतिशबाजी के साथ समापन होता है। श्री रामलीला समिति के अध्यक्ष ललित मोहन जोशी एवं महासचिव हेम पंत ने संयुक्त रूप से बताया है कि 20 अक्टूबर दिन रविवार को प्रात: दस बजे से हवन एवं तिल पात्र के साथ रामलीला महोत्सव में भाग लेने वाले सभी कलाकारों को पुरस्कार वितरित किए जाएंगे।

श्रीराम राज्याभिषेक संग कलाकारों का हुआ सम्मान

लखनऊ। कुंभकरण, मेघनाद, रावण वध, श्रीराम राज्याभिषेक व पारितोषिक वितरण के साथ सेक्टर-ए सीतापुर रोड योजना कालोनी में चल रहे पांच दिवसीय रामलीला के 32वें मंचन का समापन हो गया। अंतिम दिन शनिवार को बतौर मुख्य अतिथि मौजूद एमएलसी पवन सिंह चौहान ने हनुमानजी की आरती से रामलीला का शुभारम्भ किया। अंत में समिति के अध्यक्ष सुरेश तिवारी, महामंत्री जितेंद्र मिश्रा, संयुक्त मंत्री शांति स्वरूप शुक्ला, निर्देशक उमाशंकर राठौर सहित अन्य पदाधिकारियों ने सभी कलाकारों को अंगवस्त्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस मौके पर पार्षद मान सिंह यादव, सत्य नारायण मौर्या, सत्य नारायण वर्मा, नरेश सिंह, मान सिंह, अशोक सिंह, संजीव तिवारी, अतुल मिश्रा, विजय मिश्रा, वीरेंद्र पाठक, शम्भू शरण वर्मा, प्रमोद द्विवेदी, हरिहर नाथ पाण्डेय, अजय मित्र द्विवेदी, रवि यादव, शिव प्रकाश सिंह सहित समिति के समस्त पदाधिकारी व स्थानीय निवासी मौजूद रहे।

RELATED ARTICLES

करवाचौथ व्रत 20 को, बन रहा व्यतिपात व कृतिका नक्षत्र का संयोग

लखनऊ। हिंदू धर्म में सुहाग से जुड़े व्रत रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इन उपवासों को रखने से वैवाहिक जीवन...

शुभ योग में प्रदोष व्रत आज, शिवजी की होगी पूजा

शिव परिवार की आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती हैलखनऊ। पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी...

सिंदूर खेला के साथ की गयी मां की विदाई, हुआ विसर्जन

लखनऊ। दुर्गा पूजा पंडालों में एक दूसरे को सिंदूर लगाती और ढाक की धुन पर थिरकती महिलाएं, जय मां दुर्गा के जयकारे से गुंजायमान...

Latest Articles