11 सेवार्थी को मातृ सेवा सम्मान के साथ हुआ नाटक का मंचन
लखनऊ। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से मदर सेवा संस्थान के 20 वर्ष पूरे होने पर मदर सेवा संस्थान द्वारा द्वितीय रंग महोत्सव के दूसरे दिन जे.एफ. चैरिटेबल ट्रस्ट ने लोक संगीतधर्मी नाटक ठग ठगे गए का शानदार मंचन किया। वरिष्ठ रंगकर्मी सुशील कुमार सिंह के लिखें नाटक को निर्देशित महेश चंद्र देवा ने किया। संगीतमय नाटक का मंचन हुआ ’ नाटक में में धूर्त और मक्कार ठग आये दिन सीधे-सरल, भोले-भाले आम जनों को तरह- तरह के अंधविश्वासों,पाप-पुण्य,स्वर्ग- नर्क के चक्करों में उलझा कर उन्हे लूटते आते हैं, अपना उल्लू सीधा करते हैं. गुरू ( मोहम्मद अमन)और घन्टोले (ऋतिक शाक्य)नाम के दो धूर्त ठग जो गुरू – चेले हैं, भी जंगल में एक कुएँ के पास अपना अड्डा जमाये हर आने-जाने वाले राहगीर को तरह-तरह के हथकंडे अपना कर ठगा करते थे, किसी को ज्योतिषी बन राहू – केतु जैसे गृहों का भय दिखा कर और किसी को कुएँ के देव के प्रकोप से डरा कर उनका धन, गहने, जेवर आदि लूट लिया करते थे।
समय एक जैसा नहीं रहता कभी – कभी उल्टा भी पड़ जाता है। एक बुद्धिमान बहू ने इन ठगों की करतूतों को भाँप कर इन्हीं के टोटकों को अपना कर न केवल अपनी सास ,पति और खुद, को लुटने से बचाया बल्कि अन्य मुसाफिरों को भी इनके चंगुल में फँसने से बचाया। सच कहें तो इस अकलमन्द बहू ने तो ठगों को भी ठग लिया। जिसमें ठग मोहम्मद अमन चेला ऋतिक शाक्य ने खूब तालियां बटोरी। बहू को जिया छवि श्रीवास्तव ने साहूकार मोहम्मद सैफ ने भी अपने अभिनय की छाप छोड़ी। सास के किरदार में पूर्णिमा सिद्धार्थ और बेटे के किरदार को आकाश दयाल ने जीवंत किया।