back to top

यूपी में सशक्त की जायें टेलिमेडिसन व्यवस्था : अवस्थी

-अब तक 12 हजार से अधिक स्थानों को संक्रमण मुक्त किया गया

-संक्रमित स्थल 635, संवेदनशील 1277, बाजार 1465, आवासीय 3411 व 5439 अन्य स्थल

लखनऊ। अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने गुरुवार को लोक भवन में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने टेलीमेडिसिन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से लोगों को उपचार सम्बन्धी परामर्श उपलब्ध कराने वाले डॉक्टरों की टेलीफोन नम्बर युक्त सूची का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे लोगों को घर बैठे चिकित्सीय परामर्श मिल सके। उन्होंंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इमरजेंसी सेवा प्रदान करने वाले अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकॉल के अनुरूप कार्य करें।

अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने पुलिस महानिदेशक (अग्निशमन सेवा) आर के विश्वकर्मा से मिली जानकारी का विस्तृत ब्यौरा देते हुए बृहस्पतिवार को यहां एक बयान में बताया कि पूरे प्रदेश में अब तक कुल 12,518 स्थलों पर संक्रमण मुक्त करने का कार्य सफलतापूर्वक किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में अग्निशमन इकाइयां सभी जिलों में संक्रमण मुक्त करने के कार्य में तत्परता से जुटी हैं।

उन्होंने बताया कि इनमें चिह्नित सबसे अधिक संक्रमित स्थान एवं एवं संभावित संक्रमित स्थान 635, संवेदनशील स्थल 1277, बाजार 1465, आवासीय स्थल 3411 एवं 5439 अन्य स्थल शामिल हैं।

विश्वकर्मा ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में अग्निशमन सेवा द्वारा कुल संक्रमण मुक्त 12,518 स्थलों में कुछ प्रमुख जिलों जैसे गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 784, लखनऊ में 724, आगरा में 377, मुरादाबाद में 216, मेरठ में 470, फिरोजाबाद में 450, गाजियाबाद 460, मैनपुरी में 256, अलीगढ़ में 338, बरेली में 756, कौशाम्बी में 576, वाराणसी में 974, आजमगढ़ में 346, गोरखपुर में 318 स्थलों पर अब तक संक्रमण मुक्त करने का कार्य किया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि अत्याधुनिक तकनीकी से सुसज्जित फायर बिग्रेड की 895 गाड़ियां निरंतर संक्रमण मुक्त करने के कार्य में लगी हैं। अग्निशमन विभाग द्वारा अपने कार्यों के अतिरिक्त प्रदेश में पहली बार यह कार्य कर रहा है जिसमें सभी चिह्नित संक्रमित स्थानों, अन्य संवेदनशील क्षेत्रों, बाजारों, आवासीय कॉलोनियों तथा अन्य स्थानों जैसे चिकित्सा महाविद्यालय, सरकारी अस्पताल, निजी अस्पताल, पृथकवास केन्द्रों, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों आदि को प्राथमिकता दी जा रही है।

विश्वकर्मा ने बताया कि संक्रमण मुक्त करने का कार्य जिलाधिकारियों के मार्गदर्शन में स्थानीय निकायों से समन्वय स्थापित करते हुये किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस कार्य में प्रयुक्त किये जाने वाले रसायन की मात्रा निर्धारित मानकों के अनुकूल रखने तथा संक्रमण मुक्त करने के दौरान जरूरी सावधानियों का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। विश्वकर्मा ने बताया कि छिड़काव के दौरान यह भी प्रयास किया जा रहा है कि बिजली की वायरिंग एवं अन्य संवेदनशील वस्तुओं को छिड़काव से नुकसान न पहुंचने पाये। अग्निशमन विभाग के कर्मचारी इसके लिए पूर्ण निष्ठा, लगन एवं समर्पण की भावना से जुटे हुए हैं।

4,000 से अधिक केन्द्रों पर गेहूं खरीद शुरू

अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि गेहूं खरीद तथा विभिन्न कृषि गतिविधियों के अन्तर्गत 4,000 से अधिक केन्द्रों पर गेहूं खरीद शुरू हो गयी है। अब तक मण्डियों व क्रय केन्द्रों के माध्यम से लगभग 36 लाख कुन्टल से अधिक गेहूं की खरीद हो चुकी है। जायद फसल हेतु उवर्रक के 53,000 पेस्टीसाइड के 37,000 तथा बीज के 36,000 विक्रय केन्द्र संचालित हो रहे हैं।

जायद फसल के तहत 8.12 लाख हेक्टेयर भूमि में बुआई हो गयी है। मेंथा फसल की बुआई लगभग 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में हो चुकी है। मनरेगा के अन्तर्गत भारत सरकार से 1,227 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है। इससे मनरेगा योजना के कार्यों को गति मिलेगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से प्रदेश के 2 करोड़ से अधिक किसानों को 4,100 करोड़ रुपये की मदद प्रदान की गयी है।

अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में 7022 औद्योगिक इकाईयां क्रियाशील हैं जिनमें 1.26 लाख श्रमिक कार्यरत हैं। कुल 119 चीनी मिल संचालित की गई, इनमें से 28 चीनी मिलें आवंटित क्षेत्र में समस्त गन्ने की पेराई कर चुकी हैं तथा शेष 92 चीनी मिलें पेराई कर रही हैं। 989.50 लाख टन गन्ने की पेराई से 112.27 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है। इस सत्र में 16413.88 करोड़ रुपए का गन्ना भुगतान कराया जा चुका है। चीनी मिल के माध्यम से लगभग 60 हजार श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है।

लोक निर्माण विभाग ने शुरू किए 161 कार्य

अवस्थी ने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा 2858.51 करोड़ रुपये की लागत से 161 कार्य प्रारम्भ किये गये हैं जिन पर 3727 श्रमिक कार्यरत हैं। इसके साथ ही सिंचाई विभाग की 49 परियोजनाओं पर 703 श्रमिक, पंचायतीराज विभाग की 43,313 परियोजनाओं पर 3,36,043 अकुशल श्रमिकों के माध्यम से कार्य किया जा रहा है।

इसके साथ ही लघु सिंचाई विभाग द्वारा डैम एवं तालाब सम्बंधी कार्य भी प्रारम्भ किये गये हैं। उन्होंने बताया कि आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा प्रदेश में 23,762 सीएससी क्रियाशील हैं जिनमें लगभग 46 हजार व्यक्ति कार्यरत हैं। प्रदेश में 12,027 ईंट भट्ठे क्रियाशील हैं जिन पर 5,72,966 श्रमिक कार्यरत हैं। यूपीडा द्वारा संचालित पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर 4835 श्रमिक एवं 2122 मशीनरी, बुंदेलखण्ड

RELATED ARTICLES

आरजी कर मामला : कनिष्ठ चिकित्सकों ने 42 दिन बाद आंशिक रूप से काम शुरू किया

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में कनिष्ठ चिकित्सक 42 दिन बाद शनिवार सुबह आंशिक रूप से काम पर लौट आए। आरजी कर...

रोजाना दो मिनट रगड़े दोनों हथेलियां, होंगे कई जबरदस्त फायदे

हेल्थ/लाइफस्टाइल डेस्क। सुबह-सुबह उठकर रोजाना लोग अपने काम में लग जाते हैं। लेकिन कई एक्सरसाइज ऐसी है जो सुबह उठकर 5 या दस मिनट...

जगन को हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों का ज्ञान नहीं, भाजपा नेता ने साधा निशाना

अमरावती। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एल. दिनाकर ने शनिवार को आरोप लगाया कि युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के अध्यक्ष वाई....

Latest Articles