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शिक्षक भर्ती : उत्तर प्रदेश को 37,339 पद रिक्त रखने का आदेश

  • सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की कार्रवाई पर जताई आपत्ति
  • 14 जुलाई को अगली सुनवाई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में 69 हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती मामले पर सुनवाई की। अदालत ने शिक्षामित्रों की अर्जी पर उत्तर प्रदेश सरकार को 37,339 पदों को रिक्त रखने का आदेश दिया है। इन पदों पर फिलहाल शिक्षामित्र काम कर रहे हैं।

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से चार्ट के जरिये यह बताने को कहा था कि आरक्षित वर्ग के लिए तय 40 फीसदी और जनरल के लिए 45 फीसदी के कटआफ पर कितने शिक्षामित्र पास हुए हैं। हालांकि, शिक्षामित्रों का कहना है कि लिखित परीक्षा में कुल 45,357 शिक्षामित्रों ने फॉर्म भरा था, जिसमें से 8,018 शिक्षामित्र 60-65 प्रतिशत के साथ पास हुए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने उत्तर प्रदेश सरकार को 21 मई को निर्देश दिया था कि किसी भी शिक्षामित्र की सेवाओं पर असर नहीं पड़ना चाहिए। इनमें वे शिक्षामित्र भी शामिल हैं जो सहायक शिक्षक के पद पर काम कर रहे हैं। पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई 14 जुलाई तय की है।

न्यायाधीश एमएम शांतानागौदर और विनीत शरण की पीठ ने कहा कि इस आदेश के बावजूद पहली नजर में अब पेश किए गए रिकॉर्ड से पता चलता है कि राज्य सरकार पदों को भरने के लिए चयन प्रक्रिया शुरू करने के साथ आगे बढ़ रही है। 21 मई को अदालत की ओर से जारी अंतरिम आदेश को देखते हुए राज्य सरकार की ऐसी गतिविधि को अनुमति नहीं दी जा सकती है।

पीठ ने कहा कि इसे देखते हुए राज्य सरकार 37,339 सीटों के अतिरिक्त बाकी सीटों को भर सकती है। शीर्ष अदालत सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के मुद्दे पर उच्च न्यायालय और सरकार के विभिन्न आदेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकतार्ओं के वकील ने बताया कि इस बात पर किसी पक्ष की ओर से विवाद नहीं था कि 37,339 व्यक्ति, जो वर्तमान में शिक्षामित्र के रूप में काम कर रहे हैं, सहायक अध्यापक की परीक्षा के लिए उपस्थित हो चुके हैं।

उत्तर प्रदेश में सहायक बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर उच्च न्यायालय से लेकर उच्चतम न्यायालय में कई बार याचिकाएं दाखिल की गयीं। तीन जून को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कई असफल उम्मीदवारों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य में 69,000 सहायक बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति पर इस आधार पर रोक लगा दी थी कि प्रश्न पत्र के मूल्यांकन में त्रुटि हुई है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के छह मई के आदेश को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने 21 मई को राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 69,000 सहायक बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए ऊंचा कट-आफ रखने के राज्य सरकार के फैसले को बरकरार रखा था। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जब तक नोटिस लंबित है सहायक शिक्षकों के पद पर तैनात सभी शिक्षा मित्र की सेवाओं को बाधित नहीं किया जाएगा।

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