नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से प्राप्ति के लक्ष्य से एक लाख करोड़ रुपए पीछे रह गई। सरकार ने अगले वित्त वर्ष में जीएसटी प्राप्ति का लक्ष्य 7.61 लाख करोड़ रुपए तय किया है। चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने पिछले बजट में 7.43 लाख करोड़ रुपए जीएसटी से प्राप्त करने का लक्ष्य रखा था। हालांकि संशोधित अनुमान में इसे 6.43 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है।
कुल मिला जुला जीएसटी संग्रह 9.71 लाख करोड़
चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में केंद्र तथा राज्यों का कुल मिला जुला जीएसटी संग्रह 9.71 लाख करोड़ रुपए रहा। पूरे वित्त वर्ष के दौरान राज्यों एवं केंद्र का कुल जीएसटी संग्रह 13.48 लाख करोड़ रुपए होने का लक्ष्य तय किया गया था। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत औसत मासिक कर संग्रह पिछले वित्त वर्ष के 89,700 करोड़ रुपए से बढ़कर चालू वित्त वर्ष में 97,100 करोड़ रुपए पर पहुंच है। उन्होंने कहा कि वस्तुओं को जीएसटी की कम दरों के तहत रखने के बाद भी राजस्व संग्रह बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के क्रियान्वयन से पहले पांच साल के दौरान सालाना 14 प्रतिशत राजस्व वृद्धि की गारंटी से राज्यों का राजस्व बेहतर हो रहा है।
जीएसटी से कर का दायरा बढ़ा है
गोयल ने लोकसभा में 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा, इस साल औसत मासिक जीएसटी संग्रह पिछले साल के 89,700 करोड़ रुपए से बढ़कर 97,100 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी से कर का दायरा बढ़ा है, कर संग्रह बढ़ा है और व्यापार आसान हुआ है। उन्होंने कहा, यह दैनिक परिचालन तथा आकलन में कर दाताओं और अधिकारियों के बीच सीधे संपर्क की जरूरत को कम होगा क्यों कि अब रिटर्न पूरी तरह ऑनलाइन हैं और ई-वे बिल व्यवस्था अमल में है। गोयल ने कहा कि जीएसटी लागू होने से एक राज्य से दूसरे राज्य में माल ले जाना तेज, अधिक प्रभावी तथा प्रवेश कर, चेकपोस्ट के अवरोध और ट्रकों की कतार जैसी रुकावट से मुक्त हो गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी दर लगातार कम की गई है जिससे उपभोक्ताओं को सालाना करीब 80 हजार करोड़ रुपए की राहत मिल रही है।
हमारी सरकार घर खरीदारों के जीएसटी बोझ कम करना चाहती
उन्होंने कहा कि गरीबों तथा मध्यम वर्ग के दैनिक इस्तेमाल के अधिकांश सामानों को अब शून्य से पांच प्रतिशत के कर दायरे में रखा गया है। गोयल ने कहा, हमारी सरकार घर खरीदारों के जीएसटी बोझ कम करना चाहती है और इसीलिए जीएसटी परिषद ने मंत्रियों का एक समूह बनाया है जो इस बारे में जल्दी ही सुझाव देगा। उन्होंने कहा कि व्यापार के अनुकूल कदमों से 35 लाख से अधिक छोटे व्यापारियों, विनिर्माताओं और सेवा प्रदाताओं को लाभ मिलेगा। चालू वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह 2018 के अप्रैल में 1.03 लाख करोड़ रुपए, मई में 94,016 करोड़ रुपए, जून में 95,610 करोड़ रुपए, जुलाई में 96,483 करोड़ रुपए, अगस्त में 93,960 करोड़ रुपए, सितंबर में 94,442 करोड़ रुपए, अक्टूबर में 1,00,710 करोड़ रुपए, नवंबर में 97,637 करोड़ रुपए, दिसंबर में 94,725 करोड़ रुपए और जनवरी 2019 में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है।