वाशिंगटन। अमेरिका के एक शीर्ष जनरल ने कहा कि तालिबान पहले से ही एक क्रूर समूह है और यह देखा जाना बाकी है कि क्या इस समूह में बदलाव आया है या नहीं। अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स आफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने पेंटागन संवाददाता सम्मेलन में कहा, हम नहीं जानते कि तालिबान का भविष्य क्या है लेकिन मैं अपने निजी अनुभव से आपको बता सकता हूं कि यह पहले से ही एक क्रूर समूह रहा है और वे बदले हैं या नहीं, यह देखना अभी बाकी है। उन्होंने तालिबान के साथ सहयोग के सवालों पर कहा, उनके साथ हमारी बातचीत चाहे हवाई क्षेत्र में रही या पिछले साल अथवा युद्ध में, आप मिशन का खतरा कम करने के लिए काम करते हैं न कि जो आप करना चाहते हो वह करने के लिए काम करते हो।
रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन ने कहा कि अमेरिका बहुत कम मुद्दों पर तालिबान के साथ काम कर रहा था और यह ज्यादा से ज्यादा लोगों को बाहर निकालने के लिए था। अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के अभियान की जानकारी देते हुए जनरल मिले ने कहा कि अमेरिका ने जमीन पर 5,000 से 6,000 के बीच सैन्य कर्मियों को तैनात किया था। उन्होंने कहा, अमेरिकी सेना के सी-17 और सी-130 विमानों ने 387 फेरे लगाए और हम 391 गैर सैन्य फेरे लगा पाए। उन्होंने बताया, कुल 778 फेरों में।,24,334 लोगों को सुरक्षित निकाला गया जिनमें तकरीबन 6,000 अमेरिकी नागरिक, तीसरे देशों के नागरिक और अफगान शामिल हैं। हम विदेश विभाग के नेतृत्व में अमेरिकी नागरिकों को निकालने का अभियान जारी रखेंगे क्योंकि अब यह सैन्य अभियान से बदलकर एक कूटनीतिक अभियान में बदल गया है।
जनरल मिले ने बताया कि इस अभियान में 11 मरीन, एक सैनिक और एक नौसैन्य कर्मी ने जान गंवायी और 22 अन्य घायल हो गए। इसके साथ ही काबुल हवाईअड्डे पर 26 अगस्त को हुए जघन्य आतंकवादी हमले में 100 से अधिक अफगान मारे गए। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में हमारा सैन्य अभियान अब खत्म हो गया है और हम इस अनुभव से सीख लेंगे। आने वाले वर्षों में यह अध्ययन किया जाएगा कि हम कैसे अफगानिस्तान में गए।