लखनऊ। काकोरी शहीदों पं. राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खाँ, राजेन्द्र लाहड़ी के बलिदान दिवस के अवसर पर विगत 35 वर्षों की भांति इस वर्ष भी काकोरी शहीदों की स्मृति एवं काकोरी कांड के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में 36वीं साइकिल यात्रा’ का आयोजन उ०प्र० क्रान्तिकारी परिषद द्वारा सुभाष चौक, लखनऊ से काकोरी शहीद स्मारक काकोरी तक किया गया। इस काकोरी शहीद स्मृति यात्रा को मुख्य अतिथि प्रोफेसर नलिन रंजन सिंह जी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
यह साइकिल यात्रा प्रात: सुभाष चौक से चलकर कैसरबाग बस अड्डा, अमीनाबाद, रकाबगंज, मेडिकल कॉलेज चौराहा, बालागंज दुबग्गा होते हुए काकोरी शहीद स्मारक पहुँचकर सभा में परिवर्तित हो गयी। साइकिल यात्रा मार्ग में स्थान-स्थान पर ‘अमुक आर्टिस्ट ग्रुप’ द्वारा व अनिल मिश्र ‘गुरू जी द्वारा निर्देशित नुक्कड़ नाटक और करो तुम जय जयकार का प्रदर्शन किया गया। साइकिल यात्रा के समापन अवसर पर काव्यगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। साइकिल यात्रा में शशांक शेखर सिंह, अनूप मिश्र, सुरेन्द्र तिवारी ‘रंगकर्मी’ अभिनीत जैन, कृष्णानन्द राय (पर्यावरणविद), सोनल ठाकुर ‘रंगकर्मी’, श्रीपाल, अरविन्दपति त्रिपाठी आदि ने प्रमुखता से सम्मिलित हुए।
बलिदान दिवस पर जीपीओ पर स्मृति सभा
लखनऊ। पीपुल्स यूनिटी फोरम व शहीद स्मृति मंच के संयुक्त तत्वावधान में काकोरी के अमर शहीदों के बलिदान दिवस पर हजरतगंज स्थित जीपीओ पार्क में काकोरी शहीद स्तम्भ स्थल पर स्मृति सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता के. के. शुक्ला ने व संचालन वीरेंद्र त्रिपाठी ने किया।
कार्यक्रम में बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि काकोरी के शहीदों का संघर्ष हिन्दुस्तान मे लोकतंत्र स्थापित करने के लिये थी परन्तु आज की हुकूमत देश मे तानाशाही कायम करना चाहती है। वक्ताओं ने कहा कि अमर शहीद अशफाक उल्ला खान का अन्तिम बयान था कि हिन्दू मुस्लिम मिल करके देश के लिए काम करें। बिस्मिल का कहना था कि हम एक ऐसी व्यवस्था चाहता है जिसमे कोई किसी पर हुकूमत न करें और पूरे देश में पंचायती व्यवस्था लागू हो। काकोरी एक्शन हिन्दुस्तान रिपब्लिकन आर्मी के क्रांतिकारियों द्वारा किया गया था और इसी एक्शन ने पूरे देश में नौजवानों के भीतर क्रांतिकारी और समाजवादी भावना पैदा किया था।