लखनऊ, 20 सितंबर 2025 – राजधानी के होटल में शुक्रवार को सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (STPI) द्वारा स्टार्टअप/इंडस्ट्री मीट एवं इन्वेस्टर कनेक्ट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में आईटी इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञ, स्टार्टअप प्रतिनिधि, निवेशक और नीति निर्माता शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, सहयोग और ग्रोथ को बढ़ावा देना रहा।
प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति
उद्घाटन सत्र में डॉ. जी.एन. सिंह (सलाहकार, मुख्यमंत्री), प्रो. एम.एल.बी. भट्ट (निदेशक, कैंसर संस्थान लखनऊ), नेहा जैन (विशेष सचिव, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स), रवि रंजन (प्रबंध निदेशक, यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन) समेत कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
STPI का बढ़ता प्रभाव
एसटीपीआई के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. प्रवीण कुमार द्विवेदी ने जानकारी दी कि देशभर में STPI के 68 केंद्रों में से 60 टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्थित हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का आईटी/आईटीईएस निर्यात 10.67 लाख करोड़ रुपये रहा, जिसमें उत्तर प्रदेश का योगदान 47,887 करोड़ रुपये का रहा।
लखनऊ बना इनोवेशन हब
डॉ. द्विवेदी ने बताया कि लखनऊ में मेडटेक सेंटर के अंतर्गत 55 स्टार्टअप्स सक्रिय हैं और अब तक 17 पेटेंट दर्ज किए जा चुके हैं। साथ ही, NGIS (Next Generation Incubation Scheme) योजना के अंतर्गत देशभर में 686 स्टार्टअप्स को लाभ मिला है, जिनमें उत्तर प्रदेश के 75 स्टार्टअप्स शामिल हैं।
फोकस सेक्टर्स: हेल्थटेक, मेडटेक, फार्मा और AI
वक्ताओं ने हेल्थटेक, मेडटेक, फार्मा और रिस्पॉन्सिबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Responsible AI) जैसे उभरते क्षेत्रों पर विशेष चर्चा की। डॉ. जी.एन. सिंह ने कहा कि स्टार्टअप और आईटी सेक्टर की भागीदारी से उत्तर प्रदेश को 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना साकार किया जा सकता है।





