आध्यात्म एक विज्ञान है, इसे अध्यात्मिक दृष्टिकोण से समझे : अपरिमेय

श्रीमद् भगवत गीता को अध्यात्मिक दृष्टिकोण से समझे, तभी प्राप्त होगा ज्ञान

लखनऊ। देवशयनी एकादशी के पावन अवसर पर रविवार को शहीद पथ स्थित श्रीश्री राधा रमण बिहारी जी मंदिर (इस्कॉन) में भक्तों ने श्रीमद भगवत गीता को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जाना-समझा। मंदिर के नित्यानंद हाल में आयोजित सेमिनार में इस्कॉन के अध्यक्ष अपरिमेय श्याम प्रभु ने मैं कौन हूँ, मनुष्य जीवन का लक्ष्य व भगवत गीता मनुष्य जीवन में कैसे सहायक है जैसे विषयों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि वास्तव में अध्यात्म एक विज्ञान है, जिसे हम अपनी भौतिक बुद्धि से नहीं समझ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आशय है कि संसार में जो विज्ञान हम पढ़ रहे हैं, इन सबके अपने-अपने सिद्धांत हैं। इन्हे एक दूसरे से नहीं समझा जा सकता है। इसी प्रकार जो आध्यात्मिक ग्रंथ हैं श्रीमद् भगवत गीता व भागवतम को अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जब हम समझेंगे और जानेंगे तब इस ज्ञान को प्राप्त कर सकेंगे। भौतिक शिक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक शिक्षा भी आवश्यक है ’ इस मौके पर भक्तों ने गिरि गायों की गोशाला का भ्रमण कर गो सेवा की। सेमिनार के समापन पर सभी भक्तों ने स्वादिष्ट एकादशी प्रसाद ग्रहण किया।

RELATED ARTICLES

अकीदत से निकला मोहर्रम का जुलूस, या हुसैन की सदाओं से गूंजा शहर

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में दसवीं मुहर्रम पर यौमे-आशूरा का जुलूस कड़ी सुरक्षा के बीच निकाला गया। इस दौरान या हुसैन या हुसैन की सदाओं...

‘तीन में न तेरह में’ पुस्तक का मूल विश्वास और आस्था

सोशल मीडिया की वजह से लोकतांत्रिक संस्कृति को बढ़ावा मिला : असीम अरुणलखनऊ। इतिहासकार डॉ. रवि भट्ट, नवीन जोशी और कनक रेखा चौहान जैसी...

देवशयनी एकादशी पर ‘बृज की रसोई’ ने बांटा नि:शुल्क भोजन

भोजन वितरित कर एक संवेदनशील मिसाल कायम कीलखनऊ। एक ओर जहाँ समाज के एक तबके के लिए देवशयनी एकादशी उपवास और धर्म-कर्म का पर्व...

Latest Articles