लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन दिया है।
ज्ञापन में उन्होंने आरोप लगाया है कि घोसी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का उप निर्वाचन-2023 में प्रदेश की भाजपा सरकार एवं केंद्र सरकार के दो दर्जन से अधिक मंत्रीगण सरकारी वाहनों एवं सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर रहे है और मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए दबाव बनाकर आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं। राशन के कोटेदारों, सरकारी विभागों में ठेकेदारी करने वालों तथा व्यापारियों को बुलाकर सत्ताधारी दल के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए अनुचित कार्य कर रहे हैं।
ज्ञापन में कहा गया है कि बिजली विभाग के इंजीनियरों व अधिकारियों द्वारा सपा समर्थक मतदाताओं के घरों में जाकर बिजली चेंकिग की आड़ में भय पैदा करने का कार्य किया जा रहा है। अत: भाजपा सरकार के मंत्रियों, नेताओं, पुलिस प्रशासन तथा बिजली विभाग के इंजीनियरों की कार्यशैली पर प्रभावी ढंग से रोक लगाने तथा आदर्श आचार संहिता का कड़ाई के साथ पालन करवाकर स्वतंत्र, निष्पक्ष, निर्भीक चुनाव सम्पन्न कराये जाने के की मांग की गयी है।
ज्ञापन में शिकायत की गई है कि अल्पसंख्यक बाहुल्य आबादी की गलियों में जाकर पुलिस द्वारा घरों के सामने खड़ी बाइक, टैक्टर आदि को जबरन उठाकर पुलिस थाने में कस्टडी में किया जा रहा है। अल्पसंख्यकों में डर का माहौल बनाया जा रहा है ताकि अल्पसंख्यक मतदान में भाग न ले सके। श्री चौधरी के अनुसार यह गंभीर मामला संज्ञान में आया है कि घोसी विधान सभा उपनिर्वाचन क्षेत्र में 15 पुलिस उपनिरीक्षक व 83 हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल तथा 50 महिला आरक्षियों की ड्यूटी02 सितम्बर से निर्वाचन सम्पन्न होने तक के लिए लगायी गई है, जिसमें यादव और मुस्लिम नहीं है। यह क्यों नहीं है? 15 पुलिस उपनिरीक्षक व 83 हेड कांस्टेबल 50 महिला आरक्षियों की यह सूची भाजपा सरकार के मंत्रियों, नेताओं के इशारे पर बनायी गयी है। इससे मतदान के दिन मतदान का प्रतिशत कम करने की साजिश की जा रही है। भाजपा की कार्य शैली से चुनाव प्रभावित हो रहा है।
ज्ञापन में कहा गया है कि घोसी विधान सभा क्षेत्र के कोपागंज थानाध्यक्ष अमित मिश्रा उत्पीड़न करके मतदाताओं को भयभीत कर रहे है। सपा समर्थक मतदाताओं से मतदान में भाग न लेने की हिदायत दे रहे है। पूर्व में ज्ञापन देने के बावजूद उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इससे अमित मिश्रा का आतंक और बढ़ गया है। चुनाव काफी प्रभावित होता जा रहा है। यदि तत्काल कार्यवाही न की गई तो सपा चुप नहीं रहेगी। प्रतिनिधिमंडल में राजेन्द्र चौधरी के साथ केके श्रीवास्तव, डॉ. हरिश्चन्द्र यादव, देवेन्द्र सिंह जीतू, राधेश्याम सिंह तथा नवीन धवन बंटी शामिल रहे।