अमित शाह की रैली पर सपा मुखिया अखिलेश ने कसा तंज

लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में मंगलवार को लखनऊ आये केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राजनीतिक दलों पर आरोपों पर विपक्ष ने पलटवार किया है। जहां एक तरफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसा, वहीं कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।

सीएए के समर्थन में मंगलवार को सभा करने पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के संबोधन के कुछ देर बाद ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश में एक बाबा कम थे क्या जो दूसरे बाबा अपना प्रवचन देने आ गए।

अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, ‘प्रदेश में एक बाबा कम थे क्या जो दूसरे बाबा अपना प्रवचन देने आ गए। इन ढोंगी बाबाओं ने जिस तरह जनता के विश्वास के साथ छल किया है उसकी वजह से सीएए पर समर्थन के लिए इनकी झोली में जनता कुछ भी नहीं डालेगी। जनता झूठे बाबा से यही कहेगी…बाबा इस बार जाना…तो लौट कर कभी न आना।’

बता दें कि मंगलवार को शाह ने जानसभा के दौरान मंच से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा अध्यक्ष मायावती पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि विरोधी दल केवल वोट बैंक के कारण लोगों को भड़काने का काम रहे हैं। राहुल बाबा, ममता दीदी, अखिलेश, मायावती और इमरान खान की भाषा एक है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आज राजधानी लखनऊ में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह द्वारा देश और संविधान की धज्जियां उड़ाये जाने की कड़ी निन्दा करते हुए प्रदेश सरकार पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार लखनऊ के घण्टाघर पर शांतिपूर्ण ढंग से महिलाओं द्वारा किये जा रहे असंवैधानिक सीएए-एनआरसी के विरोध को गैर कानूनी बताते हुए विभिन्न संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर रही है। हालात इस तरह के हैं कि लखनऊ में प्रदर्शन रोकने के लिए भाजपा पुलिस के दम पर शौचालय तक बंद करवा रही है। इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है?

प्रदेश अध्यक्ष ने सवाल करते हुए कहा कि जब लखनऊ में शातिपूर्ण तरीके से लोग अपना विरोध करते हैं तो योगी आदित्यनाथ की पुलिस धारा 144 का हवाला देती है। आज अमित शाह के खिलाफ उत्तर प्रदेश की पुलिस किस थाने में मुकदमा करेगी यह सूबे की जनता जानना चाहती है। क्या कानून सिर्फ आम जनता के लिए है? क्या देश के गृहमंत्री कानून के दायरे में नहीं आते हैं? कहा कि कांग्रेस पार्टी का मानना है कि सीएए जैसा कानून भारत के संविधान की मूल आत्मा के खिलाफ है। यह भारत के संविधान की संघी विधान में तब्दील करने की साजिश है। कांग्रेस किसी भी कीमत पर भारत के संविधान की आत्मा को मरने नहीं देगी।

अजय कुमार ने कहा कि यह नागपुरिया एजेंडा है साझी शहादत और साझी विरासत वाली हमारी संस्कृति और पंथ निरपेक्ष संविधान के खिलाफ इस कानून को देश की जनता स्वीकार नहीं करेगी। उन्होने कहा कि अमित शाह को पता होना चाहिए कि देश कभी अहंकार की भाषा से नहीं चला है और न ही चलेगा। हमारी संस्कृति सबकी आवाज को सुनने और बोलने वाली है। तानाशाही भाषा का जवाब जनता सड़कों से दे रही है लेकिन अहंकारी सरकार को न दिखाई दे रहा है और न ही सुनाई पड़ रहा है। देश की जनता संविधान की आत्मा बचाने के लिए सड़कों पर है।

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