back to top

आनन्द का स्रोत

बालकों के चरित्र निर्माण के विषय में एक खास बात यह है कि हम उसे सदैव निष्क्रिय और पराश्रित बनाये रखने का प्रयत्न न करें। यह सच है कि बालक मनुष्य के लिए परम आनन्द का साधन होता है। जिसके घर में बालक नहीं, उसके घर में आनन्द नहीं। आनन्द का ऐसा यथेष्ट उपयोग करने के लिए मनुष्य आकाश-पाताल एक कर देता है। हमारे समाज में भी बांझपन, अपशकुन और अभाग्य का कारण माना जाता है।

बांझपन का कलंक टालने के लिए स्त्री-पुरुष अपने वश भर कोई बात उठा नहीं रखते। घर में पालना बंध जाने से जो आनन्द प्राप्त हो सकता है, उसकी तुलना में दूसरे किसी आनन्द से नहीं की जा सकती। यह आनन्द देह अ‍ैर देही दोनों का है। इस परम आनन्द ने ही संसार की सतत्ता को बनाये रखा और मनुष्य की शुभ वृत्तियों को हमेशा ऊपर चढ़ाया है। ऊर्ध्वगामी बनाया है। यह मनुष्य के आनन्द का जनक है।

जब ऐसे आध्यात्मिक आनन्द को देने वाला कोई पात्र परिवार में जन्म लेता है तो वह न केवल अपने माता-पिता के, बल्कि सब किसी के आनन्द का साधन बन जाता है। उसे देखकर सब आनन्द मग्न हो जाते हैं। उसे गोद में लेकर सब कोई तृप्ति का अनुभव करते हैं। उसके कारण सारा परिवार आनन्द से परिप्लावित रहता है।

बालक के आनन्द में माता-पिता का सच्चा आनन्द समाया हुआ है। जब बालक का आनन्द लुप्त होता है, तो माता-पिता का आनन्द भी जाता रहता है। बालक सममूचे कुटुम्ब के आनन्द का केन्द्र बन जाता है। कुटुम्ब के परिचित लोग भी बालक को देखकर खुश होते हैं और एक प्रकार के गहरे आनन्द का अनुभव करते हैं।

किन्तु जैसे-जैसे समय बीतता गया, वैसे-वैसे इस आनन्द की कक्षा और इसका प्रवाह बदलता रहता है। सब किसी के आनन्द का कारण बनने वाला धीरे-धीरे सबके आनन्द का स्थूल और स्वार्थी साधन बनने लगता है। माता-पिता और बड़े-बूढ़े समझते नहीं कि बालक का भी अपना आननद होता है। जन्म के बाद तुरंत ही जो बालक अपनी रक्षा और अपने पोषण की अपेक्षा रखता है और अपने ढंग से अपना विकास करने लगता है।

वह धीरे-धीरे समझदार और सशक्त भी बनता जाता है। बालक के लिए कामों को करने में माता-पिता को जो आनन्द मिलता है अथवा घर के बड़ों बूढ़ों द्वारा जो काम या आयोजन बच्चों के लिए, बच्चों का पोषण करने की दृष्टि से किये जाते हैं उनसे हमेशा आनन्द मिलता ही है।

RELATED ARTICLES

कुतले खान ने राजस्थानी रंगों में रंगा मुक्ताकाशी का मंच

डॉ. राम मनोहर लोहिया पार्क में दो दिवसीय लोक संस्कृति के कार्यक्रम देशज का रंगारंग आगाज लखनऊ। सोनचिरैया के 15 वें वर्ष के अवसर पर...

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी आज, बप्पा की होगी पूजा

इस व्रत के प्रभाव से सभी कष्टों का निवारण होता हैलखनऊ। हर महीने कृष्ण पक्ष चतुर्थी पर भक्त भगवान गणेश का उपवास रखते हैं।...

ध्वनि फेस्टिवल में गूंजी वायलिन और कथक ने जीता दिल

दिल्ली की अंतरध्वनि कल्चरल सोसायटी द्वारा बली आॅडिटोरियम में हुई यादगार संगीत संध्या लखनऊ। अंतरध्वनि कल्चरल सोसायटी द्वारा शनिवार 6 दिसम्बर को कैसरबाग स्थित राय...

मिस एंड मिस्टर उत्तर प्रदेश–2025-26 टैलेंट हंट में युवाओं ने बिखेरी प्रतिभा, 23 दिसंबर को होगा ग्रैंड फिनाले

लखनऊ, 7 दिसम्बर।उत्तर प्रदेश के युवा कलाकारों को अंतरराष्ट्रीय मंच दिलाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश आर्टिस्ट अकादमी द्वारा आयोजित “मिस एंड मिस्टर उत्तर...

शीर्ष 10 में पांच कंपनियों का बाजार मूल्यांकन 72,285 करोड़ रुपये बढ़ा

नयी दिल्ली। देश की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में पांच का कुल बाजार मूल्यांकन पिछले हफ्ते 72,284.74 करोड़ रुपये बढ़ गया। इसमें टाटा...

दिसंबर के पहले हफ्ते में विदेशी निवेशकों ने 11,820 करोड़ रुपये निकाले

नयी दिल्ली। इस महीने के पहले हफ्ते में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों से 11,820 करोड़ रुपये निकाले। इसका मुख्य कारण रुपये का...

नाल्को जून 2026 तक पोटांगी बॉक्साइट खदान शुरू करने की तैयारी में

नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की नेशनल एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (नाल्को) अगले साल जून तक ओडिशा में अपनी पोटांगी बॉक्साइट खदान शुरू करने की योजना...

इंडिगो के बोर्ड ने संकट प्रबंधन समूह का गठन किया, हालात की नियमित निगरानी जारी : एयरलाइन

मुंबई । इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के बोर्ड ने एक संकट प्रबंधन समूह (सीएमजी) का गठन किया है, जो हालात की निगरानी...

सोने की चमक बरकरार, इस साल अबतक दिया लगभग 67 प्रतिशत रिटर्न: विशेषज्ञ

नयी दिल्ली । सुरक्षित निवेश परिसंपत्ति के रूप में सोने की चमक बरकरार है और इस साल घरेलू बाजार में इसने अबतक लगभग 67...