- चीन, थाईलैण्ड व मलेशिया में सांप से बनाई जा रही है दवाई
- वन विभाग और पुलिस महानिदेशालय ने सक्रिय किया अपनी टीमों को
लखनऊ। सुनकर होगा तो आश्चर्य, लेकिन बात सच है। जहरीला न होने के कारण दो मुंहा सांप पहले हर संपेरे के पास तो मिल ही जाता था, गांवों में भी लोग इसे देखकर इसकी अनदेखी कर देते हैं। पर चौंकाने वाली बात यह है कि प्रदेश में रेड सेंड बोआ (दो मुंहा सांप) की तस्करी तेजी से बढ़ रही है। अब प्रदेश में इनका मिलना कम हो गया है तो नेपाल तक से ये सांप लाकर मोटी रकम में बेचे-खरीदे जा रहे हैं। दो मुंहा सांप की तस्करी करने वाले इसे 25 लाख से डेढ़ करोड़ रुपये तक में विदेशों में बेच रहे हैं।
हैरतअंगेज बात यह है कि अब यह खरीददारी आनलाइन भी की जा रही है। रकम का भुगतान आनलाइन और हवाला के जरिये किया जा रहा है। इसका खुलासा चार दिन पूर्व वन विभाग की टीम द्वारा बस्ती में पकड़े गये दो तस्करों से पूछताछ में हुआ है। इन तस्करों के पास से एक रेड सेंड बोआ बरामद हुआ था, जिसकी कीमत भी लगायी जा चुकी थी।
बस्ती से दो मुंहा सांप के तस्करों की धरपकड़ और उनके द्वारा किये गये खुलासे के बाद वन निदेशालय से लेकर पुलिस मुख्यालय से इस दुर्लभ सांपों की तस्करी करने वालों धरपकड़ के निर्देश जारी किये गये हैं। दरअसल, चार दिन पूर्व प्रदेश के बस्ती जिले में वन विभाग की टीम ने एक होटल से दो सर्प तस्करों को गिरफ्तार कर उनके पास से एक रेड सेंड बोआ (दो मुंहा सर्प) बरामद किया था। डीएफओ नवीन प्रकाश शाक्य के अनुसार बरामद सांप की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 25 लाख से एक करोड़ तक बताई गयी है।
मलेशिया, चीन और थाईलैण्ड आदि देशों में इसका प्रयोग दवा आदि बनाने में किया जाता है। बस्ती सदर रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी कमलेश तिवारी, फारेस्ट गार्ड संजय सिंह की टीम को वाइल्ड लाइफ, लखनऊ से सूचना मिली थी कि दो सर्प तस्कर बस्ती शहर के एक होटल में रेड सेंड बोआ सांप बेचने आने वाले हैं, इस सूचना पर वन विभाग की टीम ने होटल के एक कमरे से दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए सर्प तस्करों के पास मिले बैग में 2.6 किलोग्राम वजन का रेड सेंड बोआ सर्प बरामद हुआ।
पकड़े गए मऊ जिले के मधुवन थाने के भेलउर गांव का अमरेंद्र कुमार मल्ल व गोरखपुर जिले के बड़हलगंज थाने के मदरिया गांव का मनीष मौर्य ने पूछताछ में बताया कि उन्हें यू-ट्यूब पर इस सांप के बारे में जानकारी मिली थी। उस पर मिले एक मोबाइल नंबर पर उसने संपर्क किया तो वह इलाहाबाद के रोहित नामक एक युवक का निकला। वह इलाहाबाद जाकर इस सांप को ले आये। उससे तय हुआ था कि सांप को बेंचकर जो रकम मिलेगी उसका आधा वो ले लेगा।
वाइल्ड लाइफ लखनऊ की टीम को भी यू-ट्यूब से इस सांप के तस्करी की जानकारी लगी। एक कर्मचारी ने अमरेंद्र के नंबर पर ग्राहक बनकर फोन किया और सांप का सौदा 10 लाख रुपये में तय किया, अमरेंद्र वाइल्ड लाइफ के झांसे में आ गया उसे बस्ती के एक होटल में सांप खरीदने के लिए बुलाया गया तो वह अपने एक साथी मनीष के साथ बस्ती पहुंचा जहां होटल से उसे पकड़ लिया गया। वन विभाग के एक अधिकारी की माने तो वर्तमान समय में प्रदेश भर में इस दुर्लभ सांप की तस्करी जोरों पर है और इसकी बिक्री विदेशों में आनलाइन की जा रही है।
क्या है रेड सैंड बोआ सांप
रेड सेंड बोआ सांप दुर्लभ प्रजाति का सांप है। अधिकतर ये सांप रेतीली जमीन पर रहता है जिसकी वजह से इसे सैंड बोआ कहते हैं। दो से तीन किलो के इस सांप की कीमत करोड़ों में होती है। नेपाल के रास्ते इनकी तस्करी भी होती है। यह एक विषहीन सांप है, सुस्त रफ्तार की वजह से इसे आसानी से पकड़ा जा सकता है। अंधविश्वास की वजह से लोग इसका मांस भी खाते हैं। इसकी मांग भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बहुत है। सैंड बोआ कभी अपने बनाए बिल में नहीं रहता है बल्कि दूसरे सांप के बिल में रहता है। कभी कभार दूसरे सांप को भी मारकर खाता है।
नहीं होते हैं दो मुंह
रेड सैंड बोआ सांप के दो मुंह नहीं होते है। इसका एक ही मुंह होता है, इसकी पूछ मुंह की तरह दिखती है जिससे ये खतरा महसूस होने पर अपने दुश्मन को चकमा देता है। खतरा लगने पर ये अपनी पूंछ को हवा में खड़ा कर लेता है जिससे सामने वाले को लगता है कि ये इसका मुंह है। ये सांप अधिकतर राजस्थान की मरू भूमि में पाया जाता है।