मुंबई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आगाह किया कि छात्र आंदोलनों में जिहादी, माओवादी और अलगाववादी घुस रहे हैं। उन्होंने कहा कि देशभर में चल रहे प्रदर्शनों से आर्थिक एजेंडा बेपटरी नहीं होगा। सीतारमण ने यह टिप्पणी संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में बीते कुछ दिनों से देशभर के कई विश्वविद्यालयों में जारी प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में की। हालांकि उन्होंने कहा कि कल रात नई दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुए घटनाक्रम की उन्हें जानकारी नहीं है।
उन्होंने विश्वविद्यालयों में माओवादी या अलगाववादी प्रवृत्ति वाले बाहरी समूहों का समर्थन करने पर कांग्रेस पार्टी को पथभ्रष्ट कहते हुए निशाना साधा। सीतारमण ने कहा कि जिस पार्टी ने भारत को आजादी दिलवाने में मदद की उसे स्वतंत्रता के बाद ही खत्म कर देना चाहिए था क्योंकि उसके एजेंडा में राष्ट्र निर्माण नहीं है और यह एक परिवार की दास बनकर रह गई है।
टाइम्स नेटवर्क के इंडिया इकोनॉमिक कॉनक्लेव में उन्होंने कहा, यह सुनिश्चित होना जरूरी है कि एक राजनीतिक दल होने के नाते हम ऐसे छात्र आंदोलनों को बढ़ावा न दें जो देश के खिलाफ हैं। छात्र आंदोलन या प्रदर्शन एक चीज है लेकिन इनमें जिहादियों, माओवादियों या अलगाववादियों का मिल जाना एक अलग बात है और हमें इससे सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्वाेत्तर, पश्चिम बंगाल और राष्ट्रीय राजधानी में जारी प्रदर्शनों से आर्थिक एजेंडा को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।





