सीतापुर । उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में पांच महीने पहले हुए चर्चित पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड के दोनों मुख्य आरोपियों को आज सुबह एक पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया। मारे गए दोनों शूटरों की पहचान राजू तिवारी उर्फ रिजवान और संजय तिवारी उर्फ अकील के रूप में हुई है। दोनों पर 1-1 लाख रुपये का इनाम घोषित था और पुलिस इनकी लंबे समय से तलाश कर रही थी।
घटना पिसावा थाना क्षेत्र की है, जहां आज तड़के एसटीएफ (STF), सीतापुर पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने दोनों आरोपियों को घेर लिया। सूचना मिली थी कि आरोपी बाइक से इलाके में घूम रहे हैं। पुलिस की घेराबंदी देखते ही दोनों बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं, जिसमें दोनों आरोपी ढेर हो गए।घटना के बाद दोनों को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मौके से बरामद हुए हथियार
पुलिस ने घटनास्थल से 32 बोर की पिस्टल, कार्बाइन, और एक बाइक बरामद की है। मौके पर पहुंचे एसपी अंकुर अग्रवाल ने मुठभेड़ स्थल का निरीक्षण किया और ऑपरेशन में शामिल टीम की सराहना की। बाद में उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।

पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हत्या 8 मार्च 2025 को की गई थी, जब वह बाइक से कहीं जा रहे थे। रास्ते में दोनों शूटरों ने उन्हें रोककर गोली मार दी थी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। यह मामला प्रदेशभर में सुर्खियों में रहा था और मीडिया से लेकर सामाजिक संगठनों तक ने इस पर तीव्र प्रतिक्रिया दी थी।
हत्या की साजिश किसने रची?
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि इस जघन्य हत्या की साजिश कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर ने रची थी। हत्या के पीछे निजी रंजिश और प्रभाव क्षेत्र का विवाद बताया गया। इस मामले में शिवानंद बाबा समेत तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, जबकि दोनों शूटर फरार चल रहे थे।
एसपी अंकुर अग्रवाल ने बताया, काफी लंबे समय से टीम लगातार इन दोनों आरोपियों की लोकेशन ट्रैक कर रही थी। आज तड़के जैसे ही हमें इनकी मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिली, हमने बिना देरी किए कार्रवाई शुरू की। बदमाशों ने पुलिस पर हमला किया, लेकिन हमारी टीम ने उन्हें मुठभेड़ में ढेर कर दिया।अब जबकि मुख्य शूटर मारे जा चुके हैं और साजिशकर्ता जेल में है, पुलिस का मानना है कि मामला जल्द ही पूरी तरह सुलझा लिया जाएगा। इस मुठभेड़ के बाद पत्रकार समाज में भी कुछ राहत की भावना देखी जा रही है।





