नयी दिल्ली । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को संस्थागत चोरी करार देते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग गरीबों का मताधिकार छीनने के उद्देश्य से इस चोरी को अंजाम देने के लिए भाजपा के साथ खुलेआम सांठगांठ कर रहा है। गांधी ने अपने यूट्यूब चैनल पर जारी एक वीडियो में आरोप लगाया कि बिहार में एसआईआर इसलिए लाया गया क्योंकि निर्वाचन आयोग जानता है कि हमने उनकी चोरी पकड़ ली है। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग और भाजपा मतों को चुराने के लिए सांठगांठ कर रहे हैं।
गांधी ने एक दिन पहले ही एक संवाददाता सम्मेलन में देश भर के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में वोट चोरी मॉडल का इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाया था। गांधी ने शुक्रवार को वीडियो जारी कर कांग्रेस द्वारा की गई जांच और 2024 के लोकसभा चुनाव संबंधी कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र के आंकड़ों के विश्लेषण के बारे में बताया।कांग्रेस नेता ने कांग्रेस की जांच का हवाला देते हुए वीडियो में अपने आरोपों को दोहराया कि कर्नाटक की बेंगलुरु मध्य लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में पांच प्रकार की हेराफेरी के माध्यम से एक लाख से अधिक वोट चुराए गए।उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में।,00,250 वोट चुराए गए। गांधी ने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि भारत में ऐसी 100 से अधिक सीट हैं।
यहां जो हुआ है, वही उन सीट पर भी हुआ है। उन्होंने कहा, अगर भाजपा की 10-15 सीट कम होतीं तो मोदी प्रधानमंत्री नहीं होते और इंडिया (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) गठबंधन की सरकार होती। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने वीडियो में महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में पाई गई पांच तरह की वोट चोरी का जिक्र किया। गांधी ने आरोप लगाया कि महादेवपुरा क्षेत्र में।,00,250 वोट की चोरी हुई, जिसमें 11,965 डुप्लीकेट (एक मतदाता के नाम मतदाता सूची में अनेक जगह होना) मतदाता, 40,009 फर्जी एवं अमान्य पते वाले मतदाता, 10,452 बल्क या बड़ी संख्या में एक ही पते पर पंजीकृत मतदाता, 4,132 फर्जी फोटो वाले मतदाता और 33,692 नए मतदाता के प्रपत्र छह का दुरुपयोग करके जोड़े गए मतदाता शामिल हैं।
उन्होंने स्क्रीन पर हेराफेरी के प्रत्येक तरीके का उदाहरण दिखाकर अपने आरोपों पर विस्तार से बात की। डुप्लीकेट मतदाता शीर्षक के तहत आरोप लगाते हुए गांधी ने दावा किया कि महादेवपुरा क्षेत्र में ऐसे 11,965 मतदाता पाए गए। उन्होंने बताया कि गुरकीरत सिंह डांग का नाम चार अलग-अलग मतदान केंद्रों की मतदाता सूची में चार बार दर्ज हुआ। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने एक अन्य व्यक्ति का भी उदाहरण दिया जो अलग-अलग राज्यों में मतदाता के रूप में पंजीकृत है। गांधी ने आरोप लगाया कि 40,009 मतदाता फर्जी एवं अवैध पते वाले थे।
उन्होंने स्क्रीन पर दिखाया कि महादेवपुरा क्षेत्र में कितने लोग मकान नंबर 0 के तहत पंजीकृत थे। गांधी ने 10,452 बल्क या बड़ी संख्या में एक ही पते पर पंजीकृत मतदाता होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मकान संख्या 35 के पते से 80 पंजीकृत मतदाता हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 4,132 मतदाताओं के फोटो अवैध पाए गए और 33,692 मतदाता पहली बार वोट देने वालों के लिए बने प्रपत्र छह का दुरुपयोग करके जोड़े गए। उन्होंने अपने इस आरोप का जिक्र करते हुए शकुन रानी नाम की 70 वर्षीय एक महिला का उदाहरण दिया और कहा कि इस महिला का दो महीने में दो बार पंजीकरण किया गया। गांधी ने कहा, सच्चाई यह है कि हिंदुस्तान में निर्वाचन आयोग और भाजपा मिलकर चुनाव की चोरी कर रहे हैं।
पूरे सबूत सबके सामने हैं, काले और सफेद। उन्होंने कहा, वे जानते हैं कि हमने उनकी चोरी पकड़ ली है और इसीलिए एसआईआर आया है। एसआईआर एक संस्थागत चोरी है। निर्वाचन आयोग खुलकर, बिना डरे भाजपा के साथ मिलकर चोरी कर रहा है। एसआईआर का लक्ष्य गरीबों का मताधिकार चोरी करना है। गांधी ने कहा, इस पूरी जांच में हमने मतदाताओं में वृद्धि को देखा है लेकिन मतदाताओं की संख्या में जो वृद्धि होती है, संभवत: उससे ज्यादा ऐसे मतदाता हैं जिनके नाम हटाए जाते हैं। उन्होंने कहा, यह सिर्फ एक मुख्य तरीका हमने पकड़ा है, दूसरे तरीके पर हमने जांच की ही नहीं है अभी। मैं निर्वाचन आयोग और उसके अधिकारियों से साफ कह रहा हूं कि आप जो कर रहे हैं वह गलत है।
यह देशद्रोह है। गांधी ने जोर देकर कहा, समय आएगा, हम आपको पकड़ेंगे और आप बचने वाले नहीं हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम मतदाता चोरी का पर्दाफाश करें। वीडियो में गांधी ने कहा कि उनका जन्म एक राजनीतिक परिवार में हुआ और 1980 में जब वह छोटे थे तो अपनी बहन प्रियंका (गांधी) के साथ रात में बाहर जाकर चुनाव प्रचार के लिए पोस्टर चिपकाया करते थे। उन्होंने कहा, मैं चुनावों को समझता हूं और पिछले 20 साल से खुद चुनाव लड़ रहा हूं। मतदान कैसे होता है, मतदान केंद्रों का प्रबंधन कैसे होता है, मतदाता सूची, प्रपत्र 17, मैं ये सब समझता हूं। कुछ समय पहले हमें लगा कि कुछ गड़बड़ है। गांधी ने कहा, चुनाव के नतीजे माहौल के उलट होते थे। मुझे याद है कि उत्तराखंड में हम चुनाव हार गए थे।
मैंने उम्मीदवार से कहा कि जाकर पता करो कि जहां रोड शो हुआ था वहां हमें कितने वोट मिले। हजारों लोग रोड शो में आए लेकिन किसी ने भी मतदान केंद्र पर वोट नहीं डाला। यह नामुमकिन था, ऐसा हो ही नहीं सकता। फिर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के नतीजे आए और हमें एहसास हुआ कि कुछ गड़बड़ है। कांग्रेस नेता ने मध्य प्रदेश का जिक्र किया जहां पार्टी ने 2018 में जीत हासिल की थी। उन्होंने कहा कि बाद में कांग्रेस की सरकार छीन ली गई और भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्हें भाजपा शासन के खिलाफ जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर का एहसास हुआ।
गांधी ने कहा, लेकिन 2023 में हमें केवल 65 सीट मिलीं। यह नामुमकिन है। फिर महाराष्ट्र (में चुनाव) आया और हमें पहली बार सबूत मिले। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच जादू से नए मतदाता उभरे। इन नए मतदाताओं ने जहां भी वोट दिया, उनका वोट भाजपा को गया। वीडियो में गांधी ने कहा, जब हमें संदेह हुआ तो हमने अपने गठबंधन सहयोगी नेताओं के साथ एक संवाददाता सम्मेलन किया। हमने निर्वाचन आयोग से मतदाता सूची और वीडियो रिकॉर्डिंग मांगी। उन्होंने न तो हमें मतदाता सूची दी और न ही वीडियो रिकॉर्डिंग, जिससे संदेह पैदा हुआ। इससे हमारे मन में सवाल उठा कि क्या निर्वाचन आयोग भाजपा की मदद कर रहा है। क्या निर्वाचन आयोग चुनाव चुराने में लिप्त है? हमने एक टीम गठित की और उसे सच्चाई का पता लगाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग डिजिटल डेटा नहीं देता क्योंकि अगर वह ऐसा करता है, तो उसकी वास्तविकता सामने आ जाएगी।