अंतरराष्ट्रीय मां बोली दिवस स. नरेन्द्र सिंह मोंगा की अध्यक्षता में आयोजित
लखनऊ। आजाद लेखक कवि सभा उत्तर प्रदेश की ओर से शुक्रवार को महाराजा जस्सा सिंह रामगढ़िया हाल, भाई लालो जी गुरुद्वारा वीआईपी रोड लखनऊ में 3-30 बजे से मां बोली पंजाबी को समर्पित अंतरराष्ट्रीय मां बोली दिवस स. नरेन्द्र सिंह मोंगा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया, जिसमें विद्वान वक्ताओं प्रोफेसर डा.अमनदीप सिंह एवं प्रिंसिपल मनजीत कौर ने मां बोली के उद्भव, विकास और आवश्यकता पर प्रकाश डाला। चिंता प्रकट की गई कि विद्यालयों में केवल राजभाषाओं और व्यवसाय से जुड़ी भाषाओं के ही शिक्षा माध्यम होने के कारण अल्पसंख्यकों द्वारा बोली जाने वाली बोलियां विलुप्त होने के कगार पर हैं और पंजाबी भाषा भी इस त्रासदी की शिकार है। मां बोली को विलुप्त होने से बचाने के लिए सामाजिक जागरुकता और सत्ता का सहयोग आवश्यक है। पंजाबी को उर्दू की भांति राजभाषा बनाने की मांग की गई।
इसके अतिरिक्त गुरु नानक गर्ल्स विद्यालय, चढ़दीकला क्लासेज के छात्र छात्राओं, विभिन्न सांस्कृतिक समूहों के संगीत अकादमी, मनमीत कौर के एलडीए सांस्कृतिक समुह, मनप्रीत कौर के प्रभ का सिमरन सब ते ऊंचा समुह, रविन्दर कौर के गावौ सच्ची बाणी समुह ने अपनी मनोहारी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां पेश कीं।
कार्यक्रम का कुशल संचालन स. सरबजीत सिंह बख्शिश ने किया और अंत में अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह मोंगा ने सम्मिलित हुए प्रतिभागियों, विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक संगठनों के पदाधिकारियों को सहयोग हेतु धन्यवाद दिया। समस्त प्रतिभागियों एवं अतिथियों को सम्मानित एवं पुरस्कृत करने के पश्चात कार्यक्रम का समापन हुआ। आयोजन में उपस्थित हो कर योगदान देने वाले भाई लालो गुरद्वारे के प्रभारी स. ज्ञान सिंह धंजल, स. दविंदर पाल सिंह बग्गा, स. त्रिलोक सिंह बहल, स. अजीत सिंह एवं सभा के सभी सदस्यों का योगदान सराहनीय है। सभा अपने संरक्षक स. हरमिंदर सिंह मिंदी, स. हरविंदर सिंह और स. त्रिलोचन सिंह जज एवं स. हरपाल सिंह गुलाटी के सहयोग हेतु विशेष रूप से आभारी है।
मातृभाषा दिवस पर याद किए गए बांग्ला साहित्यकार
लखनऊ। लखनऊ बंगीय नागरिक समाज की ओर से सदर स्थित कैंट पूजा व सेवा समिति के श्री मां दुर्गा बाड़ी में मातृ भाषा दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ वंदेमातरम गायन के साथ हुआ। वहीं लोगों ने बंगाल के महान साहित्यकार व लेखक बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय, गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर व ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के चित्रों पर माल्यार्पण किया। वक्ताओं ने इन महान लेखकों व समाज सुधारकों को याद किया। समाज की मुख्य संयोजक रत्ना बपुली ने मातृ भाषा दिवस के इतिहास पर विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य संयोजक पीके दत्ता, अध्यक्ष एसएन पाल, निहार डे, किशोर, दीपक हालदार, कृष्णानंद राय समेत अन्य लोग मौजूद रहे। राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ।