वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। टीका लगने के बाद मरीज पर इसका क्या असर है। उसे क्या दिक्कतें हो रही है। इन सब पर नजर रखी जायेगी। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) टीकाकरण के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए यह पहल की है।
इसके तहत लखनऊ के छह मेडिकल संस्थानों केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया, एरा, कैरियर इंस्टीट्यूट व इंटीग्रल मेडिकल यूनिवर्सिटी में आने वाले मरीजों का टीकाकरण का डाटा जुटाया जायेगा। इनमें उन मरीजों का लेखा-जोखा रखा जायेगा, जिनकी टीकाकरण के बाद तबियत बिगड़ी। मालूम हो कि सरकारी अस्पतालों में 10 साल तक के बच्चों का मुफ्त टीकाकरण हो रहा है। 10 से 14 प्रकार की गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है।
इसमें पोलिया, डिप्थीरिया, काली खांसी, मिजेलस, टिटनेस, निमोनिया, जेई, डायरिया समेत दूसरी गंभीर बीमारियां शामिल हैं। प्रदेश में अभी तक तक टीकाकरण के बाद तबीयत बिगड़ने वाले मरीजों का आंकड़ा एकत्र करने की कोई व्यवस्था नहीं है। अब डाटाबेस तैयार किया जाएगा। ताकि टीकाकरण के दुष्प्रभाव की रोकथाम की दिशा में कदम उठाया जा सके।
डॉक्टरों का कहना है कि टीकाकरण से कुछ बच्चों को दिक्कतें हो सकती हैं। इसमें शरीर में दाने, चकत्ते, बुखार समेत दूसरी परेशानियां शामिल हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए एनएचएम ने टीकाकरण से तबीयत बिगड़ने वाले मरीजों के लिए सर्विलांस सिस्टम को विकसित करने का फैसला किया है।