अखिल लोक दायक विश्रामा…
लखनऊ। श्रीराम कथा के चौथे दिवस कथा प्रवक्ता भाईश्री दिलीप शुक्ल ने कहा कि जीव शास्वत आनन्द और सुख प्रदान करने वाले राम और राम के नाम को छोड़कर, इस प्रतिपल नष्ट होते संसार, जो दु:खालय में सुख और आनन्द खोजता है। श्रीराम का अनुसरण ही अखिल विश्व को दैहिक, दैविक और भौतिक तीनों तापों से मुक्ति दिलाकर आनन्द, सुख और शान्ति प्रदान कर सकता है।
श्रीराम ने अपने लोक-मंगलकारी जीवन का आरंभ यज्ञ रक्षा से किया अर्थात प्रकृति के संरक्षण व संवर्धन से क्योंकि यज्ञ से पर्यावरण शुद्धि हो समाज में निरोगता की वृद्धि, यज्ञ से नियमित वर्षा द्वारा सम्पन्न कृषि, यज्ञ से संयमित एवं नैतिकता पूर्ण जीवन की प्राप्ति होती है। जिसे हम भूल चले हैं यही कारण है समाज रोगी, किसान दुखी, व्यभिचारता में निरन्तर वृद्धि हो रही है।
इस अवसर पर वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो.उषा बाजपेई, वरिष्ठ समाजसेवी श्रीमती रंजना मिश्रा, समाजसेवक ताराचन्द्र अग्रवाल, अमरनाथ जी गोपाल जी, अखिलेश नित्य, विशाल तोमर, विनोद शुक्ला,व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।