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शारदीय नवरात्र : विधि-विधान से कालरात्रि स्वरूप की हुई आराधना

लखनऊ। जगत जननी मां भगवती के आराधना के सातवें दिन सप्तम मां कालरात्रि की देवी मन्दिरों में पूजा अर्चना हुई। सप्तमी के मौके पर मन्दिरों व घरों में माता की विशेष पूजा की गयी। चौक के बड़ी कालीजी मन्दिर, छोटी कालीजी मन्दिर, बीकेटी के चन्द्रिका देवी मन्दिर में दिनभर मां गुणगान होता रहा साथ ही बच्चों के मुंडन संस्कार और कनछेदन के कार्यक्रम दिनभर चले।
ठाकुरगंज के मां पूर्वी देवी मन्दिर में महिषासुर मर्दिनी स्वरुप में भक्तों को दर्शन दे रही थी। काले-काले बिखरे केश, तीन नेत्र, हाथ में त्रिशूल, तलवार, खप्पर धरण किये थी। माता के वस्त्र लाल थे। शाम को वन्दना टण्डन और मिथिलेश शुक्ला ने मां का एक भजन भुला नही देना मां तुम्हारे ही भक्त है… सुनाया। देवा शरफ के सूफी संत मरहूम शरीयत अहमद के पुत्र सूफी संत मजीव अहमद ने माता के दरबार पहुंचकर दर्शन किये और 5 नारियल और चुनरी चढ़ाई। शास्त्रीनगर के दुर्गा मन्दिर में फलों से मां का दरबार सजाया गया। शाम को महिला मण्डल द्वारा मां के भजन पेश किए। अष्टमी पर रविवार को हवन और फिर रात्रि में माता की चौकी का आयोजन होगा।

51 शक्ति पीठ में मां कालरात्रि का पुष्पों से हुआ श्रंगार

लाल फूलों की आई बहार मैया तेरे मन्दिर में…

लखनऊ। नंदना बख्शी तालाब स्थित 51 शक्तिपीठ में चल रहे शारदीय नवरात्र की सप्तमी को मां कालरात्रि की पूजा की गई। आज सप्तमी तिथि में मां का पुष्प श्रृंगार और मां कालरात्रि के पिंडी स्वरूप का दर्शन भक्तों ने किया। मां कालरात्रि के पिंडी पूजन का सौभाग्य मां के सेवको ध्रुव प्रसाद बाजपेई , साधू बाजपेई, मां की रसोई के सेवक ब्रजेश तिवारी, श्यामू मिश्रा को प्राप्त हुआ। शाम को महिलाओं ने भजन कीर्तन किया। साधना, अनीता, तृप्ति, आकांक्षा, त्रिशा, कुमकुम, गीता, पूजा, पुष्पा ने “लाल फूलों की आई बहार मैया तेरे मन्दिर में…, चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है.., जैसे भजनों से मन्दिर गूंज उठा।

शारदीय नवरात्र की अष्टमी-नवमी एक ही दिन
लखनऊ। इस साल 3 अक्तूबर 2024 से शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो चुकी है। इसका समापन 11 अक्तूबर को महानवमी पर होगा। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के साथ-साथ कन्या पूजन भी किया जाता है। मान्यता है कि कन्या जिमाने से जीवन में भय ,विघ्न और शत्रुओं का नाश होता है, और समाज में भी नारी शक्ति को सम्मान मिलता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कन्याओं में मां दुर्गा का वास होता है। उनको भोजन कराने से मां देवी प्रसन्न होती हैं।
वैसे तो कभी भी कन्याओं को जिमाया जा सकता है, लेकिन नवरात्रि के अष्टमी-नवमी का दिन सबसे शुभ है। पंचांग के अनुसार इस साल 11 अक्तूबर 2024 को अष्टमी और नवमी एक ही दिन मनाई जा रही है। ऐसे में आप 11 अक्तूबर को मां महागौरी और देवी सिद्धिदात्री की पूजा भी कर सकते हैं। इस दौरान अष्टमी को कन्या पूजन करने वाले लोग 11 अक्तूबर 2024 को दोपहर 12.06 तक कन्या खिला सकते हैं। इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी। ऐसे में दोपहर 12.06 के बाद से नवमी के दिन व्रत का पारण करने वाले लोग कन्या पूजन कर सकते हैं।

कन्या पूजन 2024 मुहूर्त
कन्या पूजन के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:41 बजे से 05:30 बजे तक है। इस दिन सुबह मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा करें। इस दौरान सुकर्मा योग बना रहेगा। परंतु सुबह में 06:20 बजे से 10:41 बजे तक का समय पूजा के लिए शुभ है। वहीं सुबह 10:41 बजे से दोपहर 12:08 बजे के बीच राहुकाल है।

कन्या पूजन विधि
नवरात्रि में कन्याओं का पूजन करने के लिए सबसे पहले जल से उनके पैर धोएं। फिर साफ आसन पर उन्हें बैठाएं। इसके बाद खीर, पूरी, चने, हलवा आदि सात्विक भोजन की एक थाली तैयार करें। अब थाली माता के दरबार में रखें और भोग लगाएं। इसके बाद सभी कन्याओं को टीका लगाएं और उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधें। फिर उन्हें भोजन कराएं। अब उनकी थाली में फल और दक्षिणा रख दें। अंत में उनका आशीर्वाद लें।

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