दुनियाभर के बाजारों में बिकवाली, येस बैंक संकट से 894 अंक टूटा सेंसेक्स

मुंबई। कोरोना वायरस को लेकर चिंता के बीच शुक्रवार को वैश्विक बाजारों में बिकवाली का सिलसिला चलने से यहां बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स में 894 अंक की भारी गिरावट आ गई।

वहीं निफ्टी 11,000 अंक के महत्वपूर्ण स्तर से नीचे आ गया। इसके अलावा निजी क्षेत्र के येस बैंक पर नियामकीय अंकुशों से घरेलू निवेशकों का भरोसा डगमगाया है। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान एक समय 1,459 अंक तक नीचे आ गया था।

अंत में कारोबार की समाप्ति पर यह 893.99 अंक या 2.32 प्रतिशत के नुकसान से 37,576.62 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 279.55 अंक या 2.48 प्रतिशत के नुकसान से 10,989.45 अंक रह गया। बैंकिंग शेयरों में भारी बिकवाली का सिलसिला देखने को मिला।

येस बैंक का शेयर 56 प्रतिशत से अधिक टूट गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को येस बैंक पर कई तरह के अंकुश लगाते हुए प्रत्येक खाते पर निकासी की सीमा 50,000 रुपए मासिक तय कर दी। इसके अलावा बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया गया है।

इससे पहले गुरुवार को दिन में वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की थी कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को एस बैंक को संकट से उबारने को कहा गया है। बैंक कोई नया ऋण नहीं दे सकेगा और न ही पुराने कर्ज का नवीकरण कर सकेगा। इसके अलावा वह किसी तरह का निवेश या किसी तरह के भुगतान की भी अनुमति नहीं होगी।

सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा स्टील का शेयर सबसे अधिक 6.51 प्रतिशत नीचे आया। एसबीआई, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक और ओएनजीसी के शेयर नुकसान में रहे। वहीं दूसरी ओर बजाज आटो, मारुति और एशियन पेंट्स के शेयरों में लाभ रहा। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 720.67 अंक या 1.88 प्रतिशत तथा निफ्टी 212.30 अंक या 1.89 प्रतिशत के नुकसान में रहा।

विश्लेषकों ने कहा कि निवेशकों ने येस बैंक प्रकरण को काफी नकारात्मक तरीके से लिया है। वे भारत की सकल वित्तीय प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। शेयरखान बाय बीएनपी परिबा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं प्रमुख (पूंजी बाजार रणनीति तथा निवेश) गौरव दुआ ने कहा, एक और बैंक संकट में फंस गया। यह निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों में से है।

रिजर्व बैंक ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख संस्थान बैंक को संकट से उबारने की योजना बना रहे हैं, जिससे जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण किया जा सके। लेकिन इससे पहले से ही कमजोर धारणा और कमजोर हुई है। इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को एस बैंक के जमाकर्ताओं को आश्वस्त किया कि उनका पैसा सुरक्षित है और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप 2.36 प्रतिशत तक नीचे आ गए। अन्य एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई, हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की दो प्रतिशत से अधिक टूट गए। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार भी नुकसान में रहे। ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 2.54 प्रतिशत के नुकसान से 48.72 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। अंतर बैंक विदेशी विनियम बाजार में रुपया 32 पैसे टूटकर 73.24 प्रति डॉलर पर चल रहा था।

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