लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लिए शुरू किए गए सौगात-ए-मोदी कार्यक्रम की आलोचना करते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बुधवार को इसे पूरी तरह से राजनीतिक कार्यक्रम करार दिया। मायावती ने कहा कि भाजपा का यह कदम राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित है, और इसका उद्देश्य सिर्फ आगामी चुनावों में अल्पसंख्यक वोटों को आकर्षित करना है।
सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मायावती ने लिखा, “भाजपा की तरफ से ईद, बैसाखी, गुड फ्राइडे, और ईस्टर के मौके पर 32 लाख गरीब अल्पसंख्यक परिवारों को सौगात-ए-मोदी के तहत प्रधानमंत्री का प्रेम संदेश और भेंट देने की घोषणा में केवल राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की गई है।” उन्होंने सवाल किया, “जब मुस्लिम और बहुजन समाज अपने जान-माल और मजहब की सुरक्षा को लेकर चिंतित है, तो इस कार्यक्रम से उन्हें क्या लाभ होगा?”
मायावती ने भाजपा के इस कदम पर और अधिक सवाल उठाते हुए कहा कि अगर सरकार सच में अल्पसंख्यक समाज के लिए कुछ करना चाहती है, तो उसे रोजगार की स्थायी व्यवस्था और उनकी गरीबी, बेरोजगारी एवं पिछड़ेपन को दूर करने के लिए कदम उठाने चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा पर भी गंभीर ध्यान देना चाहिए था, ताकि उनकी चिंता दूर हो सके। यह कार्यक्रम भाजपा द्वारा अपने अभियान को बल देने और अल्पसंख्यक समुदाय के बीच अपनी पैठ को मजबूत करने के उद्देश्य से चलाया गया है, लेकिन बसपा प्रमुख की आलोचना से यह साफ है कि विपक्ष इसे एक चुनावी रणनीति के रूप में देखता है।