9 दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा का द्वितीय दिवस
लखनऊ। अखिल भारतीय उत्तराखंड महासभा द्वारा आयोजित श्री शिव महापुराण कथा का का दूसरा दिन बहुत ही भव्य और भाव विभोर करने वाला रहा, द्वितीय दिवस के यजमान जगदीश बुटोला, रवींद्र बिष्ट और महेन्द्र सिंह तड़ियाल द्वारा प्रात: विधि विधान से पूजा आर्चना के साथ प्रारम्भ हुआ।
सांय की बेला में कथा वाचक पंडित मुकेश शुक्ला जी ने अपने मुखारविंद से भगवान् शिव की महिमा का वर्णन बताते हुए उन्होंने सती चरित्र, शिव विवाह, द्वादश ज्योतिर्लिंग कथा, रुद्राक्ष की महिमा, रावण की तपस्या और समुद्र मंथन जैसी कथाएं संगीतमय भजनो के साथ सुनाया। शिव महापुराण कथा में सतसंग के महत्व को बहुत ही विस्तार से बताया गया है। सतसंग का अर्थ है सच्चे संतों और विद्वानों की संगति में रहना और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों को सुनना। शिव पुराण में कहा गया है कि सतसंग से मनुष्य के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और वह मोक्ष के मार्ग पर आगे बढ़ता है। कथा वाचक पंडित मुकेश शुक्ला जी ने शिव महापुराण कथा में बताया कि सतसंग से मनुष्य को आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है और वह अपने जीवन के उद्देश्य को समझ पाता है। सतसंग में भाग लेने से मनुष्य के पाप नष्ट होते हैं और वह पुण्य की ओर अग्रसर होता है। भक्तों ने पंडित जी का आशीर्वाद प्राप्त किया और कथा के साथ साथ भजन कीर्तन का भी आनंद लिया।
आज कथा स्थल पर पूजा का पंडाल शिव भक्तों से खचाखच भरा हुआ था। जिसमें मुख्य रूप से विनय मिश्रा, बहादुर सिंह बिष्ट, महेन्द्र सिंह राणा, हरेन्द्र नेगी, अशोक असवाल, आर पी जुयाल, भवान सिंह रावत, पूरन बिष्ट, महावीर खन्तवाल, केशव बिटालू, डी डी नरियाल, हेमंत सिंह गडिया,रमेश चन्द्र सिंह बिष्ट,वरिष्ठ अधिवक्ता जी डी भट्ट, बच्ची सिंह डोलिया, श्रीमती अनामिका बिष्ट, नंदनी तडियाल,भारती बुटोला, नीलम जुयाल, संगीता रावत,रजनी राणा, हेमंती महेता, प्रेमा बिष्ट, मीना बिटालू, कंचन यादव, सीता सीलाकोटी, अम्बा बिष्ट, भारती बसेडा़, शान्ति पंत, सरोज पंत, सरोजनी नौटियाल, कांति बिष्ट, मंजू मिश्रा, रंजना सिंह, इन्दु सिंह, मंजू रावत, दया जोशी आदि कई भक्त गण मौजूद थे।





