वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति में गुरुवार को राजभवन के गांधी सभागार में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ और रूस की मिनिन निजनी नोवगोरोड स्टेट पेडागोगिकल यूनिवर्सिटी के बीच एमओयू हस्ताक्षरित हुआ। इस करार पर हस्ताक्षर हो जाने के बाद अब रूस का यह विश्वविद्यालय, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में अपना रसियन अध्ययन केंद्र खोल सकेगा तथा शीघ्र ही रूसी भाषा की कक्षाएं भी शुरू हो जायेगी। इससे विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।
बता दें कि मिनिन विश्वविद्यालय चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के 250 छात्रों को नि:शुल्क ज्ञान देगा। उन्हें आॅफलाइन और आॅनलाइन दोनों मोड में बुनियादी रूसी भाषा, रूस की संस्कृति आदि सिखाई जाएगी। साथ ही दोनों विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से अनुसंधान परियोजनाएं और शिक्षण कार्य भी करेंगे। इस केंद्र के तहत चौधरी चरण सिंह विवि निकट भविष्य में रूसी छात्रों के लिए एक पाठ्यक्रम भी आयोजित करेगा।
इस अवसर पर कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि यह एमओयू राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस एमओयू से राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों को भी लाभ होगा। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ भारत के अग्रणी विश्वविद्यालयों में से एक है। अंतर्राष्ट्रीयकरण की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए विश्वविद्यालय ने भारतीय ज्ञान प्रणाली सहित शिक्षकों, छात्रों, संस्कृति, ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस संदर्भ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग केंद्र भी संचालित है, जिसमें दुनिया भर के विविध पृष्ठभूमि के छात्र विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तावित अपनी पसंद के पाठयक्रमों में प्रवेश ले सकते हैं। इस अवसर पर मिनिन विश्वविद्यालय, रूस के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल को लकड़ी से निर्मित रसियन डॉल भेंट स्वरूप दी। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कहा कि यह एमओयू विश्वविद्यालय के लिए बहुत ही लाभदायक है।
हम इनके साथ मिलकर गुणवत्ता परख शोध, अध्यन, शिक्षकों का आदान-प्रदान करेंगे। इस अवसर पर मिनिन विश्वविद्यालय के रेक्टर प्रो. विक्टर ब्लादि मीरो वीच स्दविन कोव, प्रो. लिलिया व्यादि मिरोवना एरूसकिना, प्रो. बोरीसोविच चुपरीकोप, इंफोर्मेशन पॉलिसी सेंटर की हेड प्रो. कनियाजेवा ओल्गा और प्रो. लियूडमिला सिमोनेन्को तथा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के प्रो. मृदुल गुप्ता, प्रो. एसके दत्ता, प्रो. आरके सोनी, कुलसचिव धीरेंद्र वर्मा आदि उपस्थित रहे।