विशेष संवाददाता लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पानी की समस्याओं से गुजरते ग्रामीण परिवारों की चर्चा करते हुए अपना एक संवेदनात्मक अनुभव साझा करते हुए बताया कि गांव की महिलाएं सूखे तालाबों से जल प्राप्त करने के लिए रात में खुदाई करती थीं और सुबह तक दो-दो मटकी जल घर लाती थीं। उन्होंने कहा कि आज केन्द्र सरकार के प्रयासों से तालाबों का पुनरूद्धार किया गया, जिससे जलस्तर में वृद्धि हुई और कुओं में भी पानी का बढ़ा हुआ स्तर प्राप्त हुआ।
राज्यपाल गुुरुवार को राजभवन में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार विजेताओं एवं गणतंत्र दिवस परेड, नई दिल्ली में प्रतिभागी दल के सदस्यों से शिष्टाचार भेंट कर रही थी। डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा की कुलपति प्रो. आशुरानी, भारत सरकार युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय राष्ट्रीय योजना के क्षेत्रीय निदेशक, एएस कबीर के नेतृत्व में विश्वविद्यालय की पुरस्कार प्राप्त राष्ट्रीय सेवा योजना के सदस्यों ने भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदत्त ट्रॉफी राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर एनएसएस के इन विद्यार्थी सदस्यों एवं पदाधिकारियों का उनकी उपलब्धियों के लिए उत्साहवर्द्धन करते हुए उनके कार्यों और अनुभवों की चर्चाओ को सुना और यह भी बताया कि जमीनी स्तर की जरूरतों को कैसे समझा जाए और उसे पूरा करने के लिए किस तरह कार्य किया जाए। इस संदर्भ में उन्होंने गुजरात में बतौर कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर कार्य करने और ग्रामीण जीवन की दिक्कतों को समझने के कई अनुभव साझा किए।
राज्यपाल ने एनएसएस के विद्यार्थी सदस्यों से कहा कि देश में कोई भी घटना घटती है, तो वह प्रत्येक नागरिक को प्रभावित करती है। इस संदर्भ में उन्होंने विद्यार्थियों से कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं के दौरान एक जागरूकता कार्यक्रम का बहुत प्रेरक प्रसंग साझा किया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रही आदिवासी और जनजाति की महिलाओं से जब कश्मीर में आतंकी घटनाओं के बारे में पूछा गया तो उस महिला ने अपने लहजे में बताया कि जैसे शरीर के किसी अंग में चोट लग जाने पर पूरे शरीर में दर्द होता है, ऐसे ही भारत के किसी भी क्षेत्र में कोई भी घटना हो तो उसका असर सभी तक पहुंचेगा।
इसी क्रम में राज्यपाल ने गुजरात में बतौर शिक्षा मंत्री कार्यालयों में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करवाने के बारे में भी बताया। वर्ष 2008 में गुजरात में आए भीषण भूकम्प में भुज और कच्छ के इलाकों में हुए नुकसान और पुननिर्माण की चुनौतियों की चर्चा करते हुए उन्होंने प्राथमिक विद्यालयों में हुए अभूतपूर्व कार्यों की जानकारी भी दी। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि वे जिन गांवों और मलिन बस्तियों में कार्य करने जाएं, वहां ऐसे कार्य करें, जो उस गांव में परिवर्तन ला दे और वे लोग आपको सदैव याद रखें।
उन्होंने विद्यार्थियों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि अकेले हो तब भी ये अभियान चलाएं, आपके साथ और लोग भी जुड़ जाएंगे। उन्होंने अन्न की बबार्दी कभी न करनेए प्लेट में भोजन न छोड़ने और पेय जल का समुचित उपभोग करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय भारत सरकार के क्षेत्रीय निदेशक, एएस कबीर ने जानकारी दी कि वर्ष 2021-22 को गणतंत्र दिवस में राष्ट्रपति की सलामी परेड में गए सदस्यों को राष्ट्रीय सेवा दल का सबसे बड़ा पुरस्कार डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा को प्राप्त हुआ है।
विश्वविद्यालय की कुलपति ने राज्यपाल द्वारा विद्यार्थियों का उत्साहवर्द्धन और प्रेरणा देने के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मंजु सिंह, राष्ट्रीय सेवायोजन अधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना में राष्ट्रपति से वर्ष 2021-22 में सम्मानित 4 सदस्य तथा 2022-2023 में सम्मानित 3 सदस्य सहित 22 विद्यार्थी तथा अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।