लखनऊ। राजधानी लखनऊ में विदेश से आए जिन पांच लोगों के नमूने कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए भेजे गए थे, उन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेन्द्र अग्रवाल ने गुरुवार को बताया कि लखनऊ में कोरोना वायरस के पांच संदिग्ध मामले नेगेटिव पाए गए थे। सभी संदिग्धों के नमूने पिछले एक महीने में अलग-अलग समय पर जांच के लिए भेजे गए थे। ये सभी लोग अलग-अलग देशों से आए थे। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि खुली जगह पर मीट, चिकन और मछली नहीं बेचने का आदेश जारी किया गया है। खुले स्थान में पशु वध पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
उन्होंने बताया कि फ्रोजेन मीट की बिक्री पर भी प्रतिबंध है। आधे पके और हाफब्वायल मीट की बिक्री भी रोक दी गई है। खुले में फल काटकर बेचने पर रोक लगा दिया गया है। कोरोना वायरस को लेकर जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। इसके लिए दो हेल्पलाइन नंबर 05222622080 और 7839700132 जारी किए गए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि हम लोगों को बता रहे हैं कि क्या करें और क्या ना करें।
लोगों से कहा गया है कि वे अफवाहों पर ध्यान ना दें। निजी साफ सफाई पर ध्यान दें और आसपास की जगह स्वच्छ रखें। बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री के नेतृत्व में 18 सदस्ईय समिति बनाई थी, जिसे कोरोना वायरस के मद्देनजर राज्य के हालात की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। सभी जिलों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे कोरोना वायरस के किसी भी संदिग्ध मामले की पहचान करें और उनपर नजर रखें।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि समिति ने संदिग्ध मरीजों की पहचान का निर्देश जिलों को दिया है। ऐसे मरीजों के प्रभावी इलाज की व्यवस्था करने को कहा गया है। चीन, हांगकांग, थाइलैंड, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर सहित 12 देशों से आने वाले लोगों की विशेष निगरानी की जा रही है। भारतनेपाल सीमा पर बहराइच, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, महाराजगंज, सिद्घार्थनगर, बलरामपुर और पीलीभीत में एंबुलेंस सहित मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं।
सभी जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और अन्य अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं ताकि किसी आपात स्थिति से तत्परता से निपटा जा सके। गोरखपुर से मिली सूचना के मुताबिक डॉक्टरों की एक टीम महाराजगंज जिले में भारतनेपाल सीमा पर सोनौली गई और वहां आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया।
गोरखपुर जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ए.के. सिंह ने कल बताया कि किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए 20 बिस्तरों वाला आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। अमेठी में जिलाधिकारी अरुण कुमार ने मंगलवार को अधिकारियों से जागरुकता कार्यक्रम चलाने को कहा। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी आर.एम. श्रीवास्तव को निर्देश दिया है कि वह अस्पतालों में दवाइयों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करें।
157 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने गुरुवार को बताया कोरोना वायरस से संक्रमण के संदेह में अभी तक राज्य में 175 लोगों के नमूने लिए गए थे। इनमें से 157 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। सिंह ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिन 157 लोगों की रिपोर्ट प्राप्त हुई है उनमें कोई संक्रमण नहीं है। बचे हुए 18 मामलों में से छह आगरा के और एक गाजियाबाद का है।
इन सभी के नमूनों को अंतिम जांच के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) भेजा गया है। उन्होंने बताया कि आगरा के छह लोगों का इलाज दिल्ली के अस्पताल में चल रहा है। स्थिति नियंत्रण में है। हमने विभिन्न अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तैयार किए हैं जिनमें कुल 820 बिस्तर उपलब्ध हैं। सात मेडिकल कॉलेजों को सतर्क रहने को कहा गया है। आगरा मामले की जांच एक टीम कर रही है।
सिंह ने बताया कि आगरा के 66 लोगों का 24 घंटे के अंदर पता लगाया गया है जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे। दस लाख यात्रियों की जांच की गई है। उन्होंने कहा कि हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण का दर घट रहा है लेकिन विदेशों से आए लोग अपना विशेष ध्यान रखें। लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बस सावधानी बरतें।