लखनऊ में गीता जयंती पर शहर के मंदिरों में हुए विविध आयोजन
लखनऊ। गीता जयंती व मोक्षदा एकादशी पर राजधानी लखनऊ में विविध आयोजन किये गये। इसी क्रम में श्रीमद्भागवत गीता जयंती महोत्सव इस्कॉन मंदिर, रामकृष्ण मठ और रविन्द्रालय चारबाग में गीता जयंती महोत्सव मनाया गया।
इस मौके पर प्राचीन श्री हनुमान मंदिर कला कोठी घाट चौक में गीता पाठ हुआ। कार्यक्रम में पुजारी ने भक्ति एवं ज्ञान योग का मर्मज्ञ श्रोताओं को समझाया। श्री श्री राधा रमण बिहारी मंदिर (इस्कॉन) सुशांत गोल्फ सिटी, लखनऊ द्वारा गीता जयंती एवं मोक्षदा एकादशी के पावन अवसर पर अपरिमेय श्याम प्रभु द्वारा भक्तो के संग गीता हवन यज्ञ किया गया। जिसमे शहर भर से शामिल हुए गणमान्य भक्तो के संग श्रीमद भगवत गीता के 18 अध्याय के 700 श्लोकों का उत्साहपूर्वक पाठ करते हुए यज्ञ में आहुतियाँ प्रदान की गयी। मंदिर अध्यक्ष अपरिमेय श्याम प्रभु द्वारा महा आरती कर कार्यक्रम संपन्न किया गया ।
यज्ञ एवं आरती के उपरान्त श्रीमान अपरिमेय श्याम प्रभु ने गीता जयंती का महातम्य बतलाया कि बुधवार को मोक्षदा एकादशी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद भगवतगीता पर उपदेश दिया था। जो 18 अध्याय के 700 श्लोकों में पूर्ण हुआ। जिससे अर्जुन भय एवं संशय से मुक्त होकर भगवान श्रीकृष्ण के प्रति पूर्ण शरणागति के साथ धर्म युद्ध के लिए तत्पर हुए । साथ ही साथ प्रभुजी ने बताया कि आज गीता जयंती के पावन पर्व पर विश्व भर मे इस्कॉन के भक्त श्रीमद भगवतगीता के 700 श्लोको का उच्चारण करते हैं एवं गीता मैराथन आंदोलन के अंतर्गत विश्व भर मे इस्कॉन के भक्त श्रीमद भगवतगीता का वितरण कर गीता सन्देश का प्रचार-प्रसार करते हैं। पं. बिन्द्रेस दुबे ने बताया कि ग्रंथ तो बहुत हैं, लेकिन गीता एकमात्र ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है। द्वापर युग में अगहन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसी वजह से इस तिथि को गीता जयंती के रूप में मनाने की परंपरा है। मोक्षदा एकादशी पर व्रत-उपवास, पूजा-पाठ के साथ ही श्रीकृष्ण की कथाएं, ग्रंथ पढ़ना-सुनना चाहिए। श्रीकृष्ण की नीतियों को जीवन में उतार लेने से सभी दुख दूर हो जाते हैं और मुश्किल से मुश्किल काम भी पूरे हो जाते हैं।
गीता मैराथन गोपाल कृष्ण गोस्वामी को समर्पित
इस वर्ष का गीता मैराथन गोपाल कृष्ण गोस्वामी जी महाराज को समर्पित किया गया है, जिसके उपलक्ष्य में इस्कॉन, लखनऊ मदिर अध्यक्ष श्रीमान अपरिमेय श्याम प्रभुजी ने गीता प्रतियोगिता 2025 का प्रारम्भ किया, जिसमे पंजीकरण कराकर भाग लिया जा सकता है। पंजीकरण शुल्क मात्र 500/- रखा गया है, जिसमे 550/- मूल्य की पुस्तकें श्रीमद भगवत गीता एवं भक्ति सनातन का आधार प्रदान की जा रही हैं। प्रतियोगिता परीक्षा 26 जनवरी 2025 को सम्पन्न होगी, जिसमे प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय विजेताओं को क्रमश: 11000/-, 5000/- एवं 3000/- पुरस्कार स्वरुप दिया जायेगा।