लखनऊ। गुरुवार को ऐशबाग की ऐतिहासिक श्री रामलीला मैदान मे ‘रामोत्सव 2025 के चतुर्थ दिवस की रामलीला का मंच हर्षोल्लास साथ आरंभ होता है जब श्रीराम और उनके चारों भाईयों की बारात की वापसी और नई बहुओं के स्वागत में अयोध्यावासी खुशी मनाते हैं नाचते गाते हैं । विवाह के पश्चात सब कुशल चल रहा था तभी राजकुमार भरत भाई शत्रुघ्न के साथ अपनी ननिहाल चले जाते हैं । इसी बीच महाराजा दशरथ अपने मंत्रिमंडल के बीच नए राजा को लेकर विमर्श करते हैं और सभी उसके लिए श्रीराम के नाम का सुझाव देते हैं ।जिसके बाद महाराज दशरथ श्री राम के राज्याभिषेक की घोषणा कर देते हैं यह खबर नगर में फैलती है और जनता हर्षोल्लास में डूब जाती है । राजतिलक से पूर्व राजा दशरथ श्रीराम को राजा के कर्तव्यों का ज्ञान देते हैं उधर इसी हर्ष में तीनों माताएं भी गदगद होती हैं तभी कैकेई की दासी मंथरा उन्हे भड़काना आरंभ करती है जिसका परिणाम यह होता है कि कैकेई राजा दशरथ पर उधार अपने दो वचन मांगती हैं जिसमे पहला अयोध्या का सिंघासन अपने बेटे भरत को और दूसरा वचन कौशल्या नंदन श्रीराम को 14 वर्ष का कठोर वनवास मजबूर होते हुए भी राजा दशरथ अपने वचन निभाते हैं जब यह बात श्रीराम को पता चलती है तो वे माता की आज्ञा और पिता के वचन निभाने के लिए सहर्ष वन गमन स्वीकार करते हैं ।”रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई ह्लजब प्रभु श्रीराम वन जाने को तैयार हुए तो माता सीता और भाई लक्ष्मण भी उनके साथ जाने की हठ करने लगे और अंतत: वे भी वन गमन को चल पड़े । सजि बन साजु समाजु सबु बनिता बंधु समेत ।बंदि बिप्र गुर चरन प्रभु चले करि सबहि अचेत ॥ जब यह बात अयोध्या वासियों को पता चलती है तो वे दुखी होते हैं और श्रीराम के वनवास जाने का विरोध करते हैं और राजा दशरथ और भरत के खिलाफ विद्रोह करने लगते हैं ।उधर राजमहल में राजा दशरथ विकल हैं महारानी कौशल्या को पुत्र विरह ने झकझोर दिया है तो रानी सुमित्रा का रो-रो कर बुरा हाल है ऐसा प्रतीत होता है मानो अयोध्या नगर और उसके राजमहल को दुख के काले सर्पों ने जकड़ लिया हो ।कभी हर्ष तो कभी वेदना से भरे रामलीला के दृश्यों में दर्शकों ने भी भाव के खूब गोते लगाए कभी होठ मुस्काए तो कभी आखों से अश्रु छलक आए ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे लोग मंच के सामने की दर्शक दीर्घा में नही त्रेता युग की अयोध्या नगरी में बैठे हों ।गुरुवार को मंच का आरंभ फर्स्ट मूव डांस स्टूडियो द्वारा गणेश वंदना, गरबा नृत्य,शास्त्रीय नृत्य, परंपरागत एवं युगल नृत्य से किया गया जिसे श्रोताओं ने सराहा। इसके बाद स्वरात्मिका ग्रुप मंजू देवी कथक एवं लोक नृत्य द्वारा देवी गीत एवं गंगा अवरण पर कलाकार मंजू देवी, दामिनी, अंशिका, सतेंद्र, पिंकी, हर्षिता, उदिता व अर्णा ने नृत्य प्रस्तुतियों से दर्शकों की तालियां बटोरीं ।श्री रामलीला समिति ऐशबाग के अध्यक्ष हरीशचन्द्र अग्रवाल ने बताया की शुक्रवार को रामलीला के मंच पर श्रीराम वन गमन , केवट मिलन एवं संवाद , आर्य सुमंत की वापसी , श्रीराम महार्षि बाल्मीकि संवाद , श्रवण कुमार कथा , पुत्र वियोग में राजा दशरथ का स्वर्ग गमन , कैकेई भरत संवाद एवं कैकेई परित्याग जैसी लीलाओं का मंचन किया जाएगा ।
महानगर रामलीला आज से
लखनऊ। राजधानी के मशहूर पर्वतीय महानगर रामलीला अपने नूतन साज सज्जा के साथ 26 सितंबर से 3 अक्टूबर तक अपने स्थाई रंगमंच महानगर में करने जा रही है। रामलीला को लेकर गुरुवार को देर शाम तक तैयारी चलती रही है रामलीला समिति के महासचिव गिरीश जोशी ने बताया कि इस रामलीला की कई खासियत है जिससे यह रामलीला प्रसिद्ध है। इसमें सबसे मुख्य बात यह है कि यहां पर आठ साल के बच्चे से लेकर 77 वर्ष तक के कलाकार अभिनय करते हैं। इसके अलावा लीला मंच पर अधिकतर महिला पात्र अभिनय करती हैं। राम लक्ष्मण सीता जैसे प्रमुख किरदार भी पढ़ाई करने के साथ साथ लीला
करती है। करीब एक महीने से लीला मंच पर लीला की रिहर्सल महेंद्र पंत के निर्देशन में चलने के बाद अब मंचन की तैयारी में संरक्षक संजयश्रीवास्तव, बी पी पांडे वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद पन्त बीनू , संयुक्त सचिव व वस्त्र सजा हिमांशु मिश्रा, कोषाध्यक्ष नीरद लोहनी आदि लोग लगे हैं। इसके अलावा खास बात यह है की रामलीला के दौरान ज्यादातर लोग अपने आॅफिस से स्कूलों से अवकाश लेकर प्रभु राम की लीला में समर्पित हो जाते हैं। सलाहकार एवं पर्यवेक्षक हेम पंत ने बताया कि पहले रामलीला 5 दिन की होती रही है लेकिन इस बार बढ़कर 8 दिन की कर दी गई है। इस बार लीला मंच पर मुख आकर्षण प्रथम दिवस 26 सितम्बर को -रामजन्म ,सीता जन्म तड़का प्रसंग, द्वितीय दिवस – 27 सितम्बर रावण बाणासुर प्रसंग,लक्ष्मण परशुराम संवाद,मंथरा कैकई संवाद, दशरथ कैकई संवाद, तृतीय दिवस 28 सितम्बर -केवट प्रसंग चतुर्थ दिवस 29 सितम्बर -राम भरत मिलाप, शूर्पणखा नासिका छेदन, पंचम दिवस- 30 सितम्बर अशोक वाटिका प्रसंग, रावण हनुमान संवाद षष्ठम दिवस- 1 अक्टूबर सेतुबंध, अंगद रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति, सप्तम दिवस- 2 अक्टूबर राम कुंभकरण युद्ध, लक्ष्मण मेघनाथ युद्ध, राम रावण युद्ध, मेघनाथ और रावण का पुतला दहन और आतिशबाजी अष्टम दिवस-3 अक्टूबर राम शोभा यात्रा और राजगद्दी और आतिशबाजी आदि का आयोजन होगा।
छह दिवसीय रामलीला का मंचन कल से, लगेगी एलईडी स्क्रीन
लखनऊ। सेक्टर-ए सीतापुर रोड योजना में 27 सितम्बर से शुरू होने वाले छ: दिवसीय रामलीला के 33वें मंचन की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। श्रीरामलीला समिति के अध्यक्ष सुरेश तिवारी और महामंत्री जितेंद्र मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष कई बदलाव भी किए गए हैं। बीते 8 वर्षों से पांच दिवसीय आयोजन होता है, जिसे बढ़ाकर 6 दिवसीय किया गया है। रामलीला में बखूबी मंचन के लिये जहां कलाकारों में काफी उत्साह है। वहीं कई कलाकार ऐसे है जो छमाही परीक्षाओं की तैयारी के साथ ही अपने किरदार का मंचन करेंगे।
संयुक्त मंत्री शांति स्वरूप शुक्ला ने बताया कि इस वर्ष मंचन के साथ ही नई तकनीकी का प्रयोग करते हुए एलईडी स्क्रीन के माध्यम से भी कई दृश्यों को प्रदर्शित किया जायेगा। निर्देशक उमाशंकर राठौर ने बताया कि रामलीला में स्थानीय बच्चों व कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है और प्रत्येक वर्ष नए बाल कलाकार भी जुड़ते हैं। वहीं रामलीला के मंचन के साथ ही बेटियां भी प्रतिदिन शिव तांडव, महिषासुरमर्दिनी सहित कई नृत्यों की प्रस्तुति देंगी।