अवध में राम आयेंगे…गीत पर दिखा मनमोहक लोकनृत्य

भला मियां मनैचरा राह बिच बंगलु तेरा…

लखनऊ। कल्चरल लीगेसी फाउंडेशन, लखनऊ द्वारा सहयोग- उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के तत्वाधान में मोहन सिंह बिष्ट सभागार में 20 दिवसीय कार्यशाला के उपरान्त भारतीय संस्कृति के लोक रंग उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन पुनीत त्रिपाठी, श्रद्धा त्रिपाठी हरिशंकर वर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। फॉउडेशन के चेयरमैन डॉ0 अभिषेक त्रिपाठी ने मुख्य अतिथि एवं अतिथियों का पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह व शाल भेंटकर स्वागत किया। इस अवसर पर श्रीमती पुष्पा उपचेयरमैन ने अतिथियों एवं दर्शकों तथा कलाकारों का आभार व्यक्त किया। साथ ही कार्यक्रम हेतु आवश्यक मानकों के बारे में बताया गया।
स्वागत गीत से कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति निर्देशन व कलाकार हरीतिमा पन्त, सरस्वती वन्दना जिसके बोल थे मॉ सरस्वती जग तारिणी, नृत्य निर्देशन- शैलेन्द्र कुशवाहा का कलाकार शैलेन्द्र कुशवाहा, आरती, अंशिका, ज्योति, तमन्ना, शलिनी, ऐश्वर्या रहीं। गणेश वन्दना गायन- हे गजवदना गौरी नन्दना…गयिका हरीतिमा पन्त का रहा।
लोक नृत्य गीत राम स्तुति पर निर्देशन तृप्ति गुप्ता नृत्य कलाकार पलक यादव, वृद्धि, उन्नति मिश्रा, कीर्ति बिष्ट,अनुष्का, लोक गायन अवधी गीत आंगनवा कागा बोले ओ मोरी गुईया …गयिका- रुपली रंजन, अवधी लोक नृत्य निर्देशन शैलेन्द्र सिंह बोल अवध में राम आयेंगे प्रस्तुत किया जिसमें कलाकार शलिनी, आरती, अंशिका, ज्योति, तमन्ना, ऐश्वर्या रहे। हिमांचला लोक गायन- बोल-भला मियां मनैचरा राह बिच बंगलु तेरा…गयिका- श्रीमती गीता सिंह, उत्तराखण्ड का पारम्पिरिक लोकनृत्य- बोल- झोड़ा गीत कलाकार-जानकी बोरा,हेमा तिवारी, प्रिया बिष्ट, नीमा जोशी, मीना बिष्ट, मीना डांगी, सोनी जोशी, विमला पांडे, विमला नमाल, गंगा शर्मा। नृत्य निर्देशन- जानकी बोरा। अवधी लोक गायन- बोल-लागे करेजवा में तीर बलम घर न मोरे ननदी, बोल नजरिया ऐइसन लगी बिन देखे रहा भी न जाये …गयिका- श्रीमती अरुणा उपाध्याय, कथक विधा पर आधारित लोकनृत्य बोल श्री राम चन्द्र कृपालु भजमन, कलाकार मानषी, अनन्या तिवारी, मोनिशा, अनन्या वर्मा, पवित्रा, चारु पांडे, सोनल,मोनिशा, निर्देशन व नृत्य निर्देशन उपासना दीक्षित का रहा। लोक गायन- बोल- लहर लहर लहराए हो गंगा …गयिका श्रीमती इंदु सारस्वत, नकटा गायन बोल एही दम पे गुलूबंद…गयिका श्रीमती इंदु सारस्वत, कुमॉउनी लोकनृत्य बोल चौत की चैतवाली कलाकार आस्था शर्मा, दीन्क्षा वर्मा, अनुष्का सिंह, भाव्या त्रिपाठी निर्देशन- सुनीता पांडे, भोजपुरी लोक गायन- केतना बताई सुख ससुरे के गोरी रे सईया… लोक .गयिका- श्रीमती उपमा पांडेय का रहा। कथक विधा पर (विरजु जी महाराज ) नृत्य का सरगम तराना- कलाकार-शैलेन्द्र सिंह शलिनी, आरती, अंशिका, ज्योति, तमन्ना, ऐश्वर्या , ईशानी, रिद्धि,अनहिता, अन्विता ,गुनिका, गीतिका ने खूबसूरत संगत दी। निर्देशन व परिकल्पना हरीतिमा पंत के द्वारा की गयी व नृत्य निर्देशन में श्रीमती उपासना दीक्षित, श्रीमती सुनीता पांडे, श्रीमती तृप्तिी गुप्ता , श्रीमती जानकी अधिकारी, शैलेन्द्र सिह की मुख्य भूमिका रही। मंच संचालन हरीतिमा पंत, यूपिका तिवारी जी के द्वारा किया गया। सिन्धसाईजर पर ओमकार सिह व ढोलक, नाल पर विकास सिह के द्वारा संचालन किया गया।

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