नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल एनएन वोहरा की आलोचना करने वाली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की टिप्पणी पर शुक्रवार को असहमति जताते हुए कहा कि पूर्व राज्यपाल ने उम्दा काम किया और संवैधानिक पद की मर्यादा को बरकरार रखा।
10 साल तक राज्यपाल रहे वोहरा की भूमिका की प्रशंसा
सिंह ने एक बयान में कहा कि राज्यपाल का पद संवैधानिक है और इसकी अपनी एक मर्यादा है। एक राज्यपाल से यह उम्मीद की जाती है कि वह बिना किसी भय या पक्षपात के निष्पक्ष होकर काम करे। उन्होंने कहा, एन एन वोहरा एक अच्छे अधिकारी थे। एक राज्यपाल के तौर पर उन्होंने संवैधानिक मर्यादा में रहते हुए उम्दा काम किया। साथ ही यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग 10 साल तक राज्यपाल रहे वोहरा की भूमिका की प्रशंसा करते हैं।
मलिक को लंबा राजनीतिक अनुभव है
भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना एक वीडियो में कथित तौर पर यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि पार्टी वोहरा के साथ काम नही़ं करनी चाहती थी और अब वोहरा की जगह हमारे अपने आदमी को नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। रैना की इस टिप्पणी के बाद सिंह ने उक्त बयान दिया है। रैना को कथित तौर पर यह कहते हुए भी सुना गया कि वोहरा अपनी उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटा करते थे। गृह मंत्री ने कहा कि नए राज्यपाल सत्यपाल मलिक को लंबा राजनीतिक अनुभव है और उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नियुक्त किया है।
राजनीति में उनका लंबा अनुभव है
उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके (मलिक) लंबे अनुभव का लाभ मिलेगा। मलिक को 21 अगस्त को वोहरा की जगह जम्मू-कश्मीर का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया। कर्ण सिंह के बाद मलिक जम्मू-कश्मीर के दूसरे ऐसे राज्यपाल हैं जो एक राजनीतिक व्यक्ति हैं और राजनीति में उनका लंबा अनुभव है। कर्ण सिंह 1965 से 1967 तक प्रदेश के राज्यपाल रहे। वोहरा पूर्व प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल के प्रधान सचिव रहने के अलावा केंद्रीय गृह सचिव एवं रक्षा सचिव भी रह चुके हैं।