- 12 सुखोई और 21 मिग-19 विमान खरीदेगा भारत
नयी दिल्ली। रेलवे ने कानपुर और मुगलसराय के बीच 417 किलोमीटर लंबे खंड पर सिग्नल व दूरसंचार के काम में धीमी प्रगति के कारण चीन की एक कंपनी का ठेका रद्द करने का निर्णय लिया है। मालगाड़ियों की आवाजाही के लिये समर्पित इस खंड ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के सिग्नल व दूरसंचार का काम रेलवे ने 2016 में चीन की कंपनी बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजायन इंस्टीट्यूट को दिया था। यह ठेका 471 करोड़ रुपये का है।
कंपनी सिर्फ 20 प्रतिशत ही काम कर पायी
रेलवे ने कहा कि कंपनी को 2019 तक काम पूरा कर लेना था, लेकिन अभी तक वह सिर्फ 20 प्रतिशत ही काम कर पायी है। रेलवे ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब सोमवार की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ भयंकर टकराव में एक कर्नल सहित भारतीय सेना के 20 जवानों की मौत हो गयी। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि खराब प्रदर्शन और समय पर परियोजना को पूरा करने में असमर्थता के कारण अनुबंध को समाप्त करने का कार्यान्वयन एजेंसी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पाेरेशन लिमिटेड ने निर्णय लिया।
चीनी कंपनियों की उपयोगिता को कम करने का निर्देश
इससे पहले बुधवार को टेलीकॉम मंत्रालय ने बीएसएनएल को चीनी कंपनियों की उपयोगिता को कम करने का निर्देश दिया। मंत्रालय ने बीएसएनएल को निर्देश दिया कि अपनी किर्यान्वन में चीनी कंपनियों की उपयोगिता को कम करे। अगर कोई बिडिंग है तो उसपर नए सिरे से विचार करे। इस बीच चीन के साथ लगातार बढ़ रहे सैन्य तनाव के बीच भारत ने वायु सेना की क्षमता को बढ़ाने का फैसला किया है। भारत सरकार 12 नये सुखोई और 21 नए मिग-19 विमान खरीद सकता है।
रूस से मिग-29 खरीदने के लिए सौदे में संशोधन किए जाएंगे
भारतीय वायुसेना ने इन विमानों की खरीद के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है और इस संबंध में जल्द से जल्द कार्रवाई के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भी भेज दिया है। यह प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेज दिया गया है। अब मंत्रालय अगले सप्ताह तक इस अनुमानित पांच हजार करोड़ रुपये के सौदे पर फैसला लेगा। प्रस्ताव की प्रति में यह उल्लेख किया गया है कि रूस से अतिरिक्त मिग-29 खरीदने के लिए वर्तमान सौदे में संशोधन किए जाएंगे।
33 नये विमानों के लिए यह दूसरा सौदा होगा
36 राफेल विमानों के लिए साल 2016 में हुए सौदे के बाद वायु सेना द्वारा अधिग्रहण किए जाने वाले 33 नये विमानों के लिए यह दूसरा सौदा होगा। माना जा रहा है कि भारत ने यह फैसला चीन के साथ बढ़ते सैन्य तनाव को देखते हुए लिया है। भारतीय वायुसेना ने कम से कम 216 ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का आर्डर दिया है। हवा से हवा में मार करने वाली ये मिसाइलों की मारक क्षमता 400 किलोमीटर से भी ज्यादा है। इन मिसाइलों को 42 सुखोई एसयू-30 एमकेआई विमानों में लैस किया जाएगा।
वायुसेना और मिसाइलों की खरीद भी कर सकती है
पीआईबी के मुताबिक ब्रह्मोस मिसाइल को युद्ध में इस्तेमाल करने की मंजूरी मिल गई थी। जानकारी के अनुसार आगामी समय में वायुसेना और मिसाइलों की खरीद भी कर सकती है। इसके अलावा संचार मंत्रालय ने निजी कंपनियों को भी हिदायत दी है कि इस दिशा में वे भी नए सिरे से विचार करके पुख्ता निर्णय लें। वहीं व्यापारिक संगठन कैट ने चीनी उत्पादों का बहिष्कार और भारतीय वस्तुओं को बढ़ावा देने वाले राष्ट्रीय अभियान को और अधिक तेज करने का फैसला किया है।